इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक व्यक्ति टोपी पहना दाढ़ी और पूरी मुस्लिम पहनावा में एक दीवार को तोड़ रहा है जिसके ऊपर नाग की मूर्ति बनी हुई है 25 सेकंड का वीडियो पूरे भारत में काफी तेजी से वायरल हो रहा है इस वीडियो के बारे में लोग सच्चाई जानना चाहते हैं
इन दिनों सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों को तेजी से शेयर किया जाता है लोग बिना हकीकत जाने वीडियो मैसेज को लगातार शेयर करते हैं जिससे देश में माहौल भी खराब हो सकता है लेकिन हम आपको आज इस वीडियो के बारे में बताने वाले हैं कि इस वीडियो की क्या हकीकत है और क्या वाकई में मुस्लिम समुदाय के लोग हिंदू समुदाय की मंदिरों को तोड़ रहे हैं या यह वीडियो फर्जी है,
पूरे भारत में वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है लेकिन Hindi boom live डॉट कॉम के मुताबिक यह वीडियो पूरी तरह से फर्जी है जो मैसेज वायरल किया जा रहा है वह पूरी तरह से गलत है वीडियो के साथ यह मैसेज वायरल किया जा रहा है कि केरला में मुसलमानों की संख्या ज्यादा होने की वजह से अब वहां हिंदुओं को रहना सुरक्षित नहीं हिंदुओं के मंदिर को तोड़ा जा रहा है अगर हिंदू अभी नहीं समझे तो भविष्य में क्या होगा हिंदुओं तुम हम दो हमारा दो किनारे लगाओ और केरला में जैसा हो रहा है वह पूरे भारत में होगा इस तरह का मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है वही वेबसाइट के मुताबिक यह वीडियो केरला का नहीं आंध्र प्रदेश का है
आंध्र प्रदेश जिले के गुटूर के एक दरगाह का है जिसे मुस्लिम समुदाय के दो पक्षों में आपसी विवाद को लेकर तोड़ा जा रहा था वेबसाइट का दावा है कि जो सोशल मीडिया पर मैसेज के साथ वीडियो वायरल किया जा रहा है और टैक्स लिखा जा रहा है उससे कोई लेना देना नहीं है या दो समुदाय के बीच की कोई बात नहीं है मुस्लिम समुदाय के दो पक्ष आपस में बात भी बात कर रहे थे और दरगाह को तोड़ रहे हैं यह कोई हिंदू मंदिर नहीं है वीडियो पूरी तरह से फर्जी है और यह वीडियो को लेकर आंध्र प्रदेश के गुडुंग जिले की पुलिस ने भी स्पष्ट करते हुए इस घटना में किसी भी संप्रदायिक एंगल होने से इंकार कर दिया था,
या वीडियो लंबे समय से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है फेसबुक व्हाट्सएप टि्वटर जैसे वेबसाइटों पर वायरल हो रहा है वही यह वीडियो 2022 में 14 अक्टूबर को भाजपा नेता सत्य कुमार के द्वारा भी ट्वीट किया गया था
इसको लेकर एक अंग्रेजी वेबसाइट दे न्यूज़ इंडियन एक्सप्रेस नेवी प्रकाशित किया है 12 अक्टूबर 2022 को वेबसाइट ने बताया है कि दरगाह की स्थिति सही नहीं होने की वजह से मरम्मत कार्य के लिए उसे तोड़ा जा रहा था लेकिन 12 अक्टूबर 2022 को एक समूह ने यह दावा करते हुए दरगाह की दीवार को गिराने का प्रयास किया कि वह एक नई दीवार का निर्माण करेंगे जब स्थानीय लोगों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो तनाव फैल गया हुआ रिपोर्ट में लाल लपेटे पुलिस स्टेशन इंस्पेक्टर प्रभारी का भी बयान मौजूद इस संबंध में इंस्पेक्टर से संपर्क किया गया तो उन्होंने वायरल दावे का खंडन करते हुए बताया था कि या हिंदू मंदिर नहीं बल्कि मुस्लिम समुदाय द्वारा बनाई गई निशानी दरगाह की स्थापना रहमान ने की थी जो इलाके में पिछले 40 साल से रह रहे लोग यहां दरगाह पर जाते हैं
यह जानकारी पूरी इंटरनेट से ली गई है इस वेबसाइट ने इस खबर का फैक्ट चेक किया है hindi.boomlive.in