आपके घर जब भी पूजा पाठ होता है तो आपके घर कपूर अवश्य आता है आप भी सोचते होंगे कि कपूर कैसे बनता है क्या यह कोई केमिकल है वैज्ञानिक द्वारा केमिकल तैयार किया गया है या कपूर जमीन से निकलता है लेकिन आज हम आपको बताने वाले हैं कि कपूर जो पूजा में प्रयोग किया जाता है कैसे बनता है और इसके बनाने की क्या प्रक्रिया है,
क्योंकि कपूर आपको मंदिर या पूजा-पाठ स्थलों पर जलते हुए दिख जाएगा कपूर का अपना एक अलग महत्व है लेकिन आपको बता दूं कि कपूर किसी भी केमिकल से नहीं बनता है यह लकड़ी से बनता है आप सोच रहे होंगे कि यह लकड़ी से कैसे बनता है यहां तक कि कपूर लकड़ी की तेल से भी नहीं बनता है ना लकड़ी की दूध से बनता है इसकी बनाने की प्रक्रिया बहुत ही जटिल और मेहनत सील है क्योंकि कपूर जितना तेज चलता है उससे ज्यादा उसे बनाने में समय लगता है,
कपूर का एक पेड़ होता है जिसकी बहन यों को काटकर उसका चिप्स बनाया जाता है चिप्स को पूरी तरह से धूप में सुखाया जाता है जब नवमी खत्म हो जाती है तब कपूर के लकड़ी के गुटके को एक टैंकर नुमा ड्रम में जलाया जाता है उससे निकलने वाले दुआ को स्टोर किया जाता है धूमा से कपूर जमा हो जाता है उसी कपूर को फैक्ट्रियों में भेज कर रिफाइन कर उसकी कपूर बनाई जाती है लेकिन बदलते समय में कपूर की डिमांड ज्यादा होने की वजह से बाजार में केमिकल वाले कपूर भी उपलब्ध हो गए हैं कि हम कल वाले कपूर वैज्ञानिक विधि से कंपनियों में तैयार किए जा रहे हैं लेकिन जो ओरिजिनल कपूर है उसे कपूर के पौधे से बनाया जाता है जो काफी जटिल प्रक्रिया है और कपूर से कुछ नुकसान नहीं होता है लेकिन बदलते समय में अब कपूर की डिमांड बहुत ज्यादा हो गई है इसी वजह से बाजार में उसका नकली भी आ रहा है ओरिजिनल कपूर काफी महंगा बिकता है