आज एक ऐसी खबर आपको हम बताने जा रहे हैं जिसे आप सुनकर आश्चर्यचकित हो जाएंगे तो आईए जानते हैं यह कौन सी खबर है मेहनत मजदूरी करके एक लड़का अपने परिवार का भरण पोषण करता था लेकिन एक दिन टहलते टहलते वह एक ऐसे इलाके में पहुंच गया जहां पर लड़कियां बहुत अच्छा मेकअप कर ने के बाद और कम कपड़े पहनने के बाद ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं तभी वह लड़का उन सीढ़ियों पर चड़के सीधा पहुंच जाता है कोठे पर और वहां जाकर देखता है एक से बढ़कर एक लड़की है जिन्होंने अपने तन पर उम्मीद से भी छोटे कपड़े और मेकअप करके बैठी हुई हैं और उन लड़कियों को देखने के बाद वह लड़का बहुत आकर्षित होता है और उनमें से सेलेक्सन करने की कोशिश कर रहा था कि मैं किसके साथ जाऊ तभी वहां पर एक लड़की की अचानक एंट्री होती है उस लड़की को जब वह देखता है तो उसकी आंखें खुली की खुली रह जाती हैं साथ ही वह लड़की भी उस लडके को जब देखती है तो उसकी भी आंखें खुली की खुली रह जाती हैं दरसल वह दोनों एक दूसरे की भाई बहन होते हैं एक रिश्ते में और वह लड़का अपनी बहन को उस कोठे पर देखकर बहुत ज्यादा आश्चर्यचकित था परेशान था यह सोचकर कि यहां कैसे आई है और यहां क्या कर रही है उस लडके के मन में बहुत सारे सवाल चल रहे थे और इस सवाल का जवाब जानने के लिए उसने डिसाइड किया कि किसी और लड़की के साथ जाने के बजाय उसने अपनी ही बहन के साथ जाने का फैसला किया और बोला कि मुझे इस लड़की के साथ जाना है और उसका जो अमाउंट था उसने पे कर दिया वह लड़की जब वह उस लडके को लेकर अपने कमरे में जाती है तब वह अपनी आपबीती जो बताती है उसको सुनने के बाद लड़का वहां बैठकर रोने लगता है जोर-जोर से उसके बाद उस लड़के ने जो किया था वाकई अपने आप में बहुत ही सराहनीय होती है जिसकी प्रशंसा कई अखबारों में की गई है तो आइए जानते हैं उसके बाद उस लड़के ने ऐसा क्या किया
उस लड़के ने ऐसा क्या किया
यह जो सच्ची घटना शुरू होती है जैस एक लड़का है जो कि पश्चिम बंगाल के चौबीस परगना क्षेत्र का रहने वाला है वह लड़का उत्तर प्रदेश के जिला मुजफ्फरनगर के एक सराफ के यहां नौकरी करता था यह घटना 2 दिसंबर 2017 कि है उस लडके को सरफा बजार मे मालिक भेजता है उसे मेरठ के सराफा बजार की दुकान के एक निश्चित दुकान पर तुम्हें जाना है तो वह लड़का 2 दिसंबर को मुजफ्फरनगर से वह मेरठ पहुंच जाता है लेकिन उसे सफरा बाजार में जाने के लिए कबाड़ी बाजार से होकर गुजरना पड़ता है जिसे रेड लाइट एरिया भी कहा जाता है जैसे ही उस रेड लाइट एरिया से वह लड़का गुजरता है और वहा वह देखता है दुकानों के ऊपर कोठे बने हुए हैं और उसपर से लड़किया झांकती हुई उसे दिखाई देती हैं और लड़कियों को देखकर वह बहुत ज्यादा आकर्षित होता है कितनी लड़कियां ऐसी होती है कि उसे हाथ हिला कर ईसरा कर रही थी अपनी तरफ बुलाने की अपील कर रही थी और वह अपने चारों तरफ देखता है तो और भी कितने लोग गुजर रहे हैं वह चीज को देखकर और महिलाएं और लड़कियां इशारा कर रही थी ताकि वह आए और उनके साथ समय बिताएं तभी उसकी नजर झांक रही लड़की की तरफ पड़ता है और उसे देखकर यह काफी परेशान हो जाता है और वह लड़की एक पर्ची फेंकती है और पर्ची में लिखा हुआ होता है रात को 8 बजे तुम मुझसे मिलने के लिए आओ यही पर यही बात सुनकर लड़का अब इंतजार कर रहा था
लेकिन उसके मालिक ने उस लड़के को सराफा बाजार में किसी काम के लिए उसे भेजा था और उस काम को करने के बाद वह अपने मालिक से कहता है की मालिक मैं थोड़ा लेट हो जाऊंगा इसलिए आज मैं काम पर नहीं आऊंगा और मालिक बोलता है ठीक है कोई बात नहीं और मैं कल आ जाऊंगा और वह है रात 8 बजने का इंतजार कर रहा था और जैसे ही रात जब 8 बजती है तब वह उसी कोठे पर उसी शिडी के पास खड़ा होकर जब ऊपर जाता है जब देखता है अंदर एक महिला है वहां पर उस महिला के चारों तरफ सुंदर-सुंदर लड़कियां मेकअप कर और छोटी-छोटी कपड़े पहन कर चारों तरफ बैठी हुई है और तभी वह लड़की आती है जिस लड़की ने इसको पर्ची बनाकर फेंकी थी और रात 8 बजे में आने को बोली थी और उस लड़की को देखने के बाद लड़का कहता है कि मुझे इसी के साथ जाना है और उस लड़की का नाम होता है सबीना और उस लड़की को देख उसका चेहरा खिल जाता है चमक जाता है लेकिन उसको अफसोस भी हो रहा था कि जो लड़की यह सबीना वह रिश्ते में उसकी बहन लगती है वह लड़का यह नहीं जानता था कि सबीना यहां क्या कर रही है
लड़के के मन में चलता है कि आखिर सबीना यहां क्या कर रही है
कई किलोमीटर दूर से यहां क्या करने आई है और इतनी छोटी कपड़ों में और मेकअप कर उस लड़की को देखता है तो इसकी भी अच्छा जानने कि जग जाती है कि आखिर यह सबीना यहां क्या कर रही है उसके पास जाने की उसके बारे में जानने की उसकी इच्छा जग जाती है दरसल लडके को नहीं पता होता है कि वह यहां क्या कर रही है जैसे ही वह लड़की कमरे में उसे लेकर जाती है इतनी जोर जोर से रोने लगती है और अपने भाई के गले लग जाती है और रो रो के कहने लगती है भैया मैं बहुत ज्यादा परेशान हूं मुझे यहां से निकाल लो साढे 6 महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है मेरा एक एक दिन एक एक पल कितनी परेशानी से गुजर रहा है मैं तुम्हें कुछ बता नहीं सकती तभी वह लड़का उस लड़की से पूछता है तुम यहां आई तो आई कैसे यह बताओ तभी वह लड़की बताती है भैया आने की जो मेरा मुख्य वजह कुछ और ही थी मैं घर से तो निकली थी स्कूल के लिए पढ़ने के लिए लेकिन मैं नहीं जानती थी एक कार आकर रूकती है और उस कार वाले ने मुझे अपनी गाड़ी में जबरदस्ती बैठा लेते हैं और नशा दिया और जब नशे से आंखें खुलती हैं तो इसी कोठी पर आकर खुलती हैं शुरू के 15 दिन बहुत ही बुरे और बहुत ही बड़ी परेशानी वाली बीती हैं लेकिन उसके बाद इन्होंने जो किया वह किसी भी बहन बेटी के साथ नहीं होना चाहिए उस कोठी पर जो ग्राहक आते थे उस ग्राहक को रिझाने के लिए हमेशा लड़की तैयार मेकअप कर रेडी रहती थी और उनके साथ वह वक्त बिताती थी जो ग्राहक आते थे जो पैसे देते थे वह उस पैसे से थोड़े बहुत रख पाते थे बाकी जाकर पैसे उस मालकिन होती थी उस कोठे की वहां तक पहुंच जाते थे यहां बातचीत का सिलसिला चली रहा था
तभी अचानक दरवाजा खुल जाता है और एक और लड़की आती है और उसे ऐसी पोजीशन में देखती है लड़की अपनी पूरी कपड़े ढककर बैठी होती है और ऐसे बैठी होती है जैसे कोई भी व्यक्ति अपने परिवार में बैठता है वह देख तुरंत समझ जाती है कि कुछ ना कुछ बात है और वह जिद करने लगती है मुझे बताओ नहीं तो मैं जाकर मालकिन से कह दूंगी लड़के ने उस लड़की को भी शांत किया और कहा कि परेशान होने की जरूरत नहीं है मैं कुछ अच्छा करने की कोशिश करूंगा तुम्हें यहां से निकालने की कोशिश करूंगा लेकिन तुम्हें मेरा साथ देना होगा और वह दोनों लड़कियां तैयार हो जाती हैं और कुछ देरी के बाद वह लड़का वहां से चला जाता है जिस दुकान पर 1 दिन के लिए गया था एक बार फिर उसी दुकान पर जाने की कोशिश करता है
क्योंकि जिस जगह पर वह पहुंचा था वहां पर एक नौकर से उसकी जान पहचान हुई थी और उस नौकर के पास जाता है और अपनी पूरी कहानी बयां करता है और वह पूरा बताता है कि भैया यहां पर मेरी बहन है वह कोठे पर रहती है ऐसी ऐसी घटना को पूरी घटना को बताता है लड़का उस लड़की को एक नजदीकी थाने पर लेकर पहुंचता है और तब वहां उससे मिलती हैं SHO रश्मि चौधरी और डीएसपी संजीव देसवाल होते हैं और इस जिले के कमान उन दिनों संभाली हुई थी SSB मंजिल सैनी ने तभी आदेश दिया जाता है anti-human ट्रैफिक यूनिट यहां से एक टीम गठित किया जाता है और उस कोठे पर रेड डाली जाती है और कई सारी ऐसी लड़कियां थी जिन्हें यहां से निकाली जाती है और यह लड़की सबीना यह पूरी कहानी पत्रकारों को बताती है और यह लड़का गांव फोन कर कर उसके माता-पिता को यह बात बताता है और उसके माता-पिता उसे देखकर जोर जोर से रोने लगते हैं और यह खबर अखबारों के माध्यम से लोगों को पता चलता है लोग काफी हैरानी और आश्चर्यचकित हो जाते हैं एक सच्ची घटना है