भारत में होटल बुकिंग और ठहरने को लेकर कई नियम और गाइडलाइंस बनाए गए हैं, जिनका पालन सभी होटल संचालकों और ग्राहकों के लिए अनिवार्य है। ये नियम न केवल होटल व्यवसाय को सुचारू रूप से संचालित करने में मदद करते हैं, बल्कि ग्राहकों की सुरक्षा और सुविधा को भी सुनिश्चित करते हैं। सरकार और संबंधित प्राधिकरणों द्वारा समय-समय पर इन नियमों को अद्यतन किया जाता है ताकि होटल उद्योग में पारदर्शिता और कानून का पालन बना रहे।
होटल बुकिंग के लिए पहचान पत्र अनिवार्य:
भारत में किसी भी होटल में चेक-इन करने के लिए सबसे पहले पहचान पत्र (ID Proof) दिखाना अनिवार्य होता है। यह पहचान पत्र भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होना चाहिए, जैसे कि आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट आदि। यह नियम सुनिश्चित करता है कि होटल में ठहरने वाले सभी व्यक्तियों की पहचान सत्यापित हो सके और सुरक्षा की दृष्टि से किसी भी प्रकार की अवांछनीय गतिविधियों को रोका जा सके।
कमरों की बुकिंग अवधि:
भारत में अधिकांश होटलों में कमरों की बुकिंग 24 घंटे के लिए की जाती है। हालांकि, कुछ होटलों में एक दिन की चेक-इन और चेक-आउट समय पहले से निर्धारित होता है, जैसे कि चेक-इन समय दोपहर 12 बजे और चेक-आउट समय सुबह 11 बजे हो सकता है। इस नियम का उद्देश्य होटल में समय की पाबंदी और बेहतर सेवा सुनिश्चित करना है।
अविवाहित जोड़ों के लिए नियम:
हालांकि, कानूनी रूप से अविवाहित जोड़े भी होटल में ठहर सकते हैं, लेकिन कुछ होटलों में इसको लेकर अपनी नीतियां होती हैं। अविवाहित जोड़ों के लिए होटल बुकिंग में किसी प्रकार की कानूनी अड़चन नहीं है, लेकिन यह आवश्यक है कि दोनों व्यक्तियों के पास मान्य पहचान पत्र हों। होटल संचालक किसी भी प्रकार की अवांछनीय गतिविधियों को रोकने के लिए सतर्क रहते हैं और आवश्यक दस्तावेजों की जांच करते हैं।
विवाह प्रमाण पत्र की आवश्यकता:
कुछ स्थानों पर, विशेष रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व वाले स्थानों पर, विवाहित जोड़े से विवाह प्रमाण पत्र की मांग की जा सकती है। हालांकि, यह नियम सभी होटलों में लागू नहीं होता, लेकिन कुछ होटल, विशेषकर पारंपरिक क्षेत्रों में, इसे अनिवार्य मानते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य होटल में ठहरने वाले व्यक्तियों की सत्यता और कानून का पालन सुनिश्चित करना होता है।
अतिथि की जानकारी दर्ज करना:
होटल संचालकों के लिए यह अनिवार्य है कि वे अपने होटल में ठहरने वाले प्रत्येक अतिथि की जानकारी दर्ज करें। इसमें अतिथि का नाम, पता, संपर्क विवरण और पहचान पत्र की जानकारी शामिल होती है। यह जानकारी पुलिस और संबंधित सुरक्षा एजेंसियों को जरूरत पड़ने पर दी जाती है, ताकि सुरक्षा के दृष्टिकोण से कोई भी संदिग्ध गतिविधि की पहचान हो सके।
विशेष परिस्थितियों में बुकिंग:
कुछ परिस्थितियों में, जैसे कि अगर कोई व्यक्ति रात के समय बिना पूर्व बुकिंग के होटल में रुकना चाहता है, तो होटल संचालक को विशेष सतर्कता बरतनी होती है। ऐसी स्थितियों में अतिथि की पहचान और ठहरने के कारण की पुष्टि की जाती है, और कभी-कभी स्थानीय पुलिस से भी इसकी जानकारी साझा की जाती है।
होटल रजिस्टर में प्रविष्टि:
भारत के अधिकांश होटलों में रजिस्टर में प्रविष्टि करना अनिवार्य है। यह रजिस्टर एक प्रकार से कानूनी दस्तावेज होता है, जिसमें होटल में आने वाले हर व्यक्ति की जानकारी दर्ज की जाती है। इसमें उनके पहचान पत्र की जानकारी, ठहरने की तारीख, और अन्य आवश्यक जानकारी शामिल होती है। इस रजिस्टर की जांच पुलिस और अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा भी की जा सकती है।
सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा:
कई होटलों में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरों का उपयोग किया जाता है। यह कैमरे होटल के मुख्य प्रवेश द्वार, लॉबी, और अन्य प्रमुख स्थानों पर लगाए जाते हैं। इसका उद्देश्य होटल परिसर में किसी भी प्रकार की अवांछनीय गतिविधियों पर नजर रखना और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाना है। हालांकि, यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि कैमरों का इस्तेमाल अतिथियों की निजता का उल्लंघन न करे।
कोविड-19 के बाद के नियम:
कोविड-19 महामारी के बाद, होटल में ठहरने के नियमों में कई बदलाव किए गए हैं। अब होटल में प्रवेश से पहले तापमान की जांच, मास्क पहनना और सैनिटाइजेशन जैसे नियमों का पालन करना अनिवार्य हो गया है। इसके अलावा, कुछ होटलों में चेक-इन प्रक्रिया को डिजिटल कर दिया गया है ताकि संपर्क को कम किया जा सके।
बाल सुरक्षा के नियम:
होटल संचालकों को सुनिश्चित करना होता है कि उनके होटल में ठहरने वाले बच्चे सुरक्षित हैं। इसके लिए होटल स्टाफ को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाता है। होटल में ठहरने वाले किसी भी नाबालिग के साथ उनके माता-पिता या कानूनी अभिभावक का होना अनिवार्य होता है।
आतंकी गतिविधियों से बचाव:
होटल बुकिंग में किसी प्रकार की आतंकी गतिविधियों से बचने के लिए होटल संचालकों को पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के साथ नियमित संपर्क में रहने की सलाह दी जाती है। किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की पहचान होते ही इसकी जानकारी पुलिस को दी जानी चाहिए। इसके अलावा, किसी भी अंतरराष्ट्रीय नागरिक की जानकारी विदेश मंत्रालय और संबंधित दूतावास को भेजी जानी चाहिए।
इन नियमों का उद्देश्य होटल उद्योग को सुरक्षित और संगठित बनाना है। होटल संचालकों और ग्राहकों दोनों को इन नियमों का पालन करना चाहिए ताकि सभी के लिए सुरक्षित और आरामदायक ठहरने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।