जिलाधिकारी श्री संजय कुमार खत्री ने बुधवार को श्रृंगवेरपुर में श्रृंगवेरपुर स्मृति वाटिका, ऋषि तलैया श्रृंगवेरपुर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने वाटिका को और विकसित किए जाने के साथ-साथ उसमें बनाये गये तालाब का भी निरीक्षण करते हुए निर्देशित किया कि तलाब के किनारे पौधे और लगाये जाने के साथ-साथ स्लोपिंग और तलाब में पानी की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित किया जाये। स्मृति वाटिका में कुल 450 पौधों का वृक्षारोपण किया गया था, जिनमें कुछ पौधों को वहां के निवासियों द्वारा गोद लिया गया है, वहां पर जिलाधिकारी ने पीपल का पौधा भी लगाया। उन्होंने डीसी मनरेगा कपिल कुमार को निर्देशित किया कि मनरेगा पार्क और स्मृति वाटिका की सूची उपलब्ध करायी जाये तथा जो भी मनरेगा पार्क व स्मृति वाटिका है, उनको और विकसित किया जाये तथा ऋषि स्मृति वाटिका में ओपेन जिम में लगाये गये यंत्रों को भी चलाकर देखा तथा वहां पर एक अखाड़ा भी खोले जाने का प्रस्ताव बनाने को कहा है। जिलाधिकारी ने एक सप्ताह में पार्क को मेंटेन करने को कहा है तथा सचिव को इसी तरह का एक और पार्क विकसित करने के निर्देश दिए है तथा जो भी पौधे लगाये गये है, उसपर नेम प्लेट लगाने को भी कहा है।
जिलाधिकारी ने आदर्श गौशाला मेन्डारा श्रृंगेरपुर का भी निरीक्षण किया। उन्होंने गोवंश आश्रय स्थल पर भूसा एवं हरे चारे की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था बनाये रखने तथा गोवंश आश्रय स्थल पर किसी भी स्थिति में जल-जमाव न होने देने के लिए निर्देशित किया है। जिलाधिकारी ने गोवंश आश्रय स्थल पर संरक्षित गोवंशों का शत-प्रतिशत टीकाकरण किए जाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि गो संरक्षण केन्द्र पर जिन पशु पालक की ड्यूटी लगायी गयी है, वे अनिवार्य रूप से वहां पर रात्रि निवास करें। कोई भी गोवंश बाहर नहीं जानी चाहिए। जिलाधिकारी ने गोवंश आश्रय स्थल पर गोवंशों को गुड़ खिलाया। उन्होंने गोवंशों के स्वास्थ्य की जानकारी लेते हुए सम्बंधित पशुचिकित्सक को नियमित रूप से गोसंरक्षण केन्द्र का भ्रमण करते हुए संरक्षित गोवंशों का स्वास्थ्य परीक्षण नियमित रूप से करने के लिए कहा है। उन्होंने वर्मी कम्पोस्ट की जानकारी ली। इसे एक माॅडल गोवंश आश्रय स्थल के रूप में भी विकसित करने के निर्देश दिए है। इस अवसर पर डीसी मनरेगा श्री कपिल कुमार, खण्ड विकास अधिकारी सहित अन्य सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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