प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के दौरान संगम तट पर एक बड़ी भगदड़ की घटना सामने आई है। इस हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई अन्य लोग घायल हो गए हैं। इसके अलावा, दर्जनों लोग बेहोश अवस्था में मिले हैं, जिनका इलाज स्थानीय अस्पतालों में जारी है। प्रशासन ने इस घटना के बाद अमृत स्नान को स्थगित करने का फैसला लिया है।

हादसे की शुरुआत
यह घटना उस समय हुई जब संगम तट पर लाखों श्रद्धालु अमृत स्नान के लिए एकत्र हुए थे। भारी भीड़ और सुरक्षा व्यवस्था में कमी के चलते स्थिति अनियंत्रित हो गई। बताया जा रहा है कि अधिक भीड़ के कारण एक हिस्से में दबाव बढ़ा और लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। देखते ही देखते भगदड़ मच गई और लोग इधर-उधर भागने लगे।
राहत और बचाव कार्य
घटना के तुरंत बाद उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। प्रशासन ने पुष्टि की है कि हादसे में 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 30 से अधिक लोग घायल हैं।
घायलों का हाल
घायलों को प्रयागराज के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि कई घायलों की हालत गंभीर है। प्रशासन द्वारा अस्पतालों में विशेष टीमों को तैनात किया गया है ताकि घायलों को उचित उपचार मिल सके।
अमृत स्नान स्थगित
इस हादसे के बाद अखाड़ों ने अपने अमृत स्नान कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है। संत समाज ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और सरकार से मांग की है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बेहतर प्रबंध किए जाएं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर दुख व्यक्त किया है और मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि घायलों का मुफ्त और बेहतर इलाज सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने हादसे की जांच के आदेश भी दिए हैं।
भीड़ नियंत्रण पर सवाल
महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों में भीड़ नियंत्रण हमेशा से एक बड़ी चुनौती रहा है। हालांकि, प्रशासन का दावा था कि इस बार कड़ी सुरक्षा और प्रबंधन की व्यवस्था की गई है, लेकिन इस हादसे ने इन दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
श्रद्धालुओं में आक्रोश
हादसे के बाद श्रद्धालुओं में आक्रोश देखने को मिला। उनका कहना है कि प्रशासन की लापरवाही के चलते यह हादसा हुआ है। कुछ श्रद्धालुओं ने आरोप लगाया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात नहीं था।
भविष्य के लिए सबक
महाकुंभ जैसे आयोजनों में भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करने की जरूरत है। प्रशासन को चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अधिक प्रभावी कदम उठाए जाएं।
इस भगदड़ ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि बड़ी संख्या में लोगों को एकत्रित करने वाले आयोजनों में सुरक्षा और प्रबंधन में जरा सी चूक भी भारी नुकसान पहुंचा सकती है। प्रशासन और आयोजन समितियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि आने वाले दिनों में महाकुंभ के अन्य कार्यक्रमों में इस तरह की कोई घटना न हो।