देवरिया जनपद को अक्सर पिछड़ा जनपद के नाम से जाना जाता है उत्तर प्रदेश के बिहार बॉर्डर पर स्थित देवरिया जनपद में टैलेंट की कमी नहीं है रोजगार नामिलने से युवा काफी डिप्रेशन में चले जाते हैं कई बार युवा निराश होकर अंधेरे कमरे में चले जाते हैं उन्हें यह लगता है कि जिंदगी में कुछ नहीं कर पाऊंगा लेकिन देवरिया जनपद की एक ऐसी महिला जो पति के मृत्यु के बाद अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया आज लाखों रुपए का इनकम कर रही हैं
निलोतमा बताती हैं कि शादी के बाद उत्तराखंड में हम अपने पति के साथ रहती थी लेकिन पति का तबीयत खराब हुआ और मृत्यु हो गई लेकिन हमने हिम्मत नहीं हारी अपने आप को बंद कमरे में बैठकर आंसू नहीं भाया हमने कुछ कर गुजरने की ठानली और आज मधुमक्खी पालन कर अच्छा इनकम कर रही हूं
और हमारी इच्छा है कि बड़े स्तर पर मधुमक्खी पालन की व्यापार करू मुझे सरकार के द्वारा भी कोई मदद नहीं मिली है निलोतमा ने कहा कि कोई भी महिला अपने आप को कमजोर नहीं समझे अगर महिला चाहे तो कुछ भी कर सकती है मुझे आप देख सकती हैं कि पति के मृत्यु के बाद में अपने घर किस तरह से चला रही हूं 51 के साल के उम्र में भी हमने हिम्मत नहीं हारी है निलोतमा को कोई सरकारी मदद नहीं मिली है कई बार अधिकारियों के बीच में मदद मांगने के लिए गई लेकिन कोई मदद नहीं मिली यह कुशीनगर और देवरिया के बीच में मधुमक्खी पालन करती हैं जिसे दोनों जनपदों का लाभ इन को मिलता है इस वीडियो में भी आप देख सकते हैं