जनजागरूकता और स्वच्छता व्यवहार के जरिये संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए एक माह का विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान का शुभारम्भ जिलाधिकारी अखण्ड प्रताप सिंह व मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार ने सीएमओ कार्यालय परिसर से प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखा कर किया।
शुभारम्भ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी अखण्ड प्रताप सिंह ने कहा कि स्वच्छता से ही बीमारियों से बचाव होगा और इस कार्य में अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका हैं । स्वास्थ्य कार्यकर्ता जन जन तक संदेश पहुंचाए कि सफाई के सभी उपाय करके ही लोग बीमारियों से बच सकते हैं। लोगों के जीवन की रक्षा करने में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका है और सभी को समुदाय के विश्वास पर खरा उतरना है । जिलाधिकारी ने लोगों को संचारी रोगों से बचाव की शपथ भी दिलाई।
मुख्य विकास अधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा इंसेफेलाइटिस के कारण बड़ी संख्या में बच्चों को जान गंवानी पड़ती थी, लेकिन जब से स्वच्छता व्यवहार अपनाया गया और लोग जागरूक हुए तो यह बीमारी खत्म होने लगी है । सरकार ने सभी सरकारी अस्पतालों पर बुखार के इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई है, जिससे लोगों को घर के नजदीक त्वरित इलाज मिल रहा है । यह जानकारी जन जन तक पहुंचाई जानी चाहिए ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने कहा कि एक माह का अभियान मौसम की दृष्टि से और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि बरसात के बाद मच्छरों का प्रकोप बढ़ेगा । लोगों तक यह संदेश पहुंचाना है कि नालियों में पानी जमा न होने दें, झाड़ियों की सफाई करें, घर में भी कहीं साफ पानी जमा न होने दें, हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखें, शौचालय का प्रयोग करें, बच्चों को भी स्वच्छता व्यवहार सिखाएं और किसी भी प्रकार का बुखार हो तो अस्पताल के चिकित्सक से ही इलाज कराएं । बुखार के लक्षण दिखने पर आशा कार्यकर्ता की मदद से या स्वयं 108 नंबर एम्बुलेंस पर फोन कर उसके साथ ही अस्पताल जाएं । अपने मन से दवा का सेवन नहीं करना है ।
इस अवसर पर डीपीओ कृष्णकांत राय, एसीएमओ डॉ राजेंद्र प्रसाद, डॉ आरपी यादव, जिला मलेरिया अधिकारी आरएस यादव, डीसीपीएम राजेश गुप्ता, एडीएमओ राजेश सुधाकर मणि सहित डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ और पाथ संस्थाओं के प्रतिनिधि व सहयोगी विभागों के प्रतिनिधिगण भी मौजूद रहे ।
बुखार के रोगियों पर रखना है नजर
शहरी स्वास्थ्य केंद्र रामनाथ नगर की आशा कार्यकत्री अनीता तिवारी ने बताया कि एक माह के अभियान के दौरान हमे बुखार के रोगियों की विशेष तौर पर निगरानी करनी है । अगर कोई मरीज मिलता है तो उसे एम्बुलेंस से स्वास्थ्य केंद्र भिजवाना है। लोगों को जागरूकता का संदेश देना है। दस्तक पखवाड़े के दौरान अत्यधिक मच्छर वाले इलाकों की सूची भी बना कर विभाग को दी जाती है जिसके बाद वहां मच्छरनिरोधी गतिविधियां संचालित की जाती हैं ।