देवरिया संचारी रोगों से बचाव के लिए आज विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत की गई है। इस अवसर पर जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल ने विकास भवन के गांधी सभागार में सभी विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों को शपथ दिलाकर व जागरूकता वाहनों को झंडी दिखाकर रवाना किया।
उन्होंने सभागार में मौजूद ग्राम प्रधानों को अपने गांव में स्वास्थ्य के क्षेत्र में जागरूकता कार्यक्रम और चर्चा करने के लिए एक पत्र सौंपा। जिलाधिकारी ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य जल-जनित बीमारियों व संचारी रोगों के खिलाफ लोगों को जागरूक करना है। आमजन से अपील की गई कि वह अपने घरों और आसपास के क्षेत्रों में जलभराव न होने दें और मच्छरों के पनपने से रोकथाम के लिए उपाय करें।
इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि 1 से 31 अक्टूबर तक चलने वाले संचारी रोग नियंत्रण अभियान और 11 से 31 अक्टूबर तक चलने वाले दस्तक अभियान के तहत गांव-गांव और मोहल्लों में लोगों को जागरूक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संचारी रोगों जैसे डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, कालाजार, टीबी और दिमागी बुखार पर प्रहार करने का यही सही समय है।
जिलाधिकारी ने लोगों से अपील की कि वे घरों के आसपास जलभराव को रोकें, पानी भरे हुए स्थानों पर मिट्टी डालें और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर पर लोगों को जागरूक करें और नालियों में जल प्रवाह को अवरोधित न होने दें। जहां पानी जमा हो, वहां एंटी लार्वा, डीजल और मिट्टी के तेल का छिड़काव सुनिश्चित करें। इसके अलावा, उन्होंने जोर देकर कहा कि बीमारियों से बचाव के लिए सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए।
सीएमओ डॉ राजेश झा ने कहा कि गांवों और शहरों में सफाई व्यवस्था को लेकर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुनिश्चित करें कि बीमार बच्चों का तत्काल इलाज हो और उन्हें सरकारी अस्पतालों में ले जाया जाए। इस अभियान के जरिए जनमानस को जल-जनित बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक करने के साथ ही इन बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। इस अभियान से उम्मीद है कि जिले में संचारी रोगों का प्रसार कम होगा और लोगों में स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।
इस अवसर पर एसीएमओ आरसीएच डॉ सुरेंद्र कुमार चौधरी, नोडल अधिकारी वेक्टर बार्न डिजिज डॉ हरेंद्र कुमार, अर्बन नोडल अधिकारी डॉ आरपी यादव, डीपीएम पूनम, डीसीपीएम राजेश गुप्ता सहित यूनिसेफ़ और सीफार संस्था के प्रतिनिधि मौजूद रहे।