आपको बता दें कि इन दिनों गर्मी का सीजन चालू हो गया है और देश के कई इलाकों से ठंड की विदाई हो चुकी है फरवरी का महीना कई जगह काफी गर्म महसूस किया गया है इस बार मार्च में ही लोगों को लूह के थपेड़ों का सामना करना पड़ सकता है ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गर्मी से बचने के लिए मंत्रालय ने गर्मी से बचने के लिए क्या करें क्या ना करें लिस्ट जारी की है जिसमें कई चीजों से परहेज करने के लिए कहा गया है वहीं लू से बचने के लिए कुछ उपाय भी बताया गया है आइए जानते हैं पूरी खबर क्या है
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों के सचिव को चिट्ठी में क्या लिखा What did the Ministry of Health write in the letter to the secretary of all the states
आपको बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को चिट्ठी लिखी है जिसमें कहा गया है कि 1 मार्च से ही गर्मी से होने वाली बीमारियों से तेज गर्मी के शिकार हो रहे हैं मरीजों और हीटवेव से होने वाली मौतों का आंकड़ा दर्ज करना शुरू कर दें अब इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस बार कितनी भीषण गर्मी पड़ने वाली है पहले से ही आप हो जाए सचेत
फरवरी के माह में ही 122 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया गर्मी Heat broke the record of 122 years in the month of February itself
आपको बता दें कि देश के मैदानी इलाकों में गर्मी ने फरवरी में ही 122 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है मौसम विभाग के मुताबिक इस बार मार्च से ही लू चलने लगेगी उत्तर और मध्य भारत में दिन का तापमान सामान्य 1.73 डिग्री ज्यादा रहा इससे पहले फरवरी में 1901 में 0.81 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था
इस साल भारत में वक्त से पहले ही भीषण गर्मी पडने की संभावना है फरवरी में अधिकतम तापमान 29.5 डिग्री रहा है भारत में मौसम का रिकॉर्ड दर्ज किया जा रहा है उसमें यह सबसे ज्यादा है वही पूर्वोत्तर भारत में पूर्व और मध्य भारत और उत्तर पश्चिम के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान के सामान्य से ज्यादा होने की संभावना है
खाने पीने वाली चीजों पर दे विशेष ध्यान Pay special attention to food items
आपको बता दें कि सरकार ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि हाइड्रोजन पर खास ध्यान देने के लिए कहा गया है अगर कहीं जा रहे हैं तो हमेशा अपने साथ पानी रखें ताकि डीहाइड्रेशन की समस्या ना हो हंसाती में उन्होंने बताया कि एडवाइजरी में कहा गया साल्टेड ड्रिंक्स जैसे नींबू पानी छाछ लस्सी फलों का रस या ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन )का सेवन करें इसके अलावा तरबूज ककड़ी नींबू और संतरे जैसे ताजे फलों का भी सेवन करें
सरकार ने एडवाइजरी जारी करते हुए लोगों को यह बताया है The government has told this to the people while issuing advisory
आपको बता दें कि सरकार ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहां है कि लोगों को दोपहर 12 बजे से शाम 3 बजे तक घरों में सेबाहर निकलने से बचें चिलचिलाती धूप के समय खाना बनाने या आग का कोई दूसरा काम करने से बचने का सलाह दी गई है
साथी यह भी बताया गया है कि किचन की खिड़कियां और दरवाजे खोल कर रखें ताकि वेंटिलेशन रहे
हाई प्रोटीन फूड्स और बासी खाने के सेवन से बचने की सलाह दी गई है
और यह भी बताया गया है कि गोला जैसे मीठे सॉफ्ट ड्रिंक्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि यह बॉडी की डिहाइड्रेट करते हैं
और आपको बता दें कि शराब चाय काफी और साफ पिंडिक्स का सेवन ज्यादा ना करने के लिए कहा गया है और साथ ही में यह बताया गया है कि दिन समय में कसरत और व्यायाम ना करे
उत्तर और मध्य भारत में ही ज्यादा तापमान क्यों है Why only North and Central India have high temperature
सबको बता दे कि फरवरी में उत्तर पश्चिम भारत राजस्थान पंजाब हरियाणा दिल्ली यूपी में दिन का औसत अधिकतम तापमान 3.40 डिग्री ज्यादा 24.8 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है इससे पहले 1960 में या तापमान फरवरी में 24.55 डिग्री पहुंचा था
मध्य भारत में मध्य प्रदेश महाराष्ट्र तीसगढ़ गुजरात के लिए इतिहास का यह दूसरी सबसे गर्म फरवरी रही है इस साल या फरवरी का औसत अधिकतम तापमान 31.93 डिग्री रहा है 2006 में यह 32.13 डिग्री दर्ज किया गया था
हीटवेव क्या होती है what is a heatwave
तो आपको बता दें कि हीटवेव अत्यधिक गर्म मौसम की अवधि को कहते हैं जब तापमान किसी क्षेत्र के अवसर उच्च तापमान से अधिक हो जाता है तो हीटवेव यालु कहते हैं भारत मौसम विभाग के अनुसार जब मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक और पहाड़ी क्षेत्रों का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है तो हीटवेव चलने लगती हैं
यानी उस क्षेत्र को जो औसत उचित अपमान है उससे 6.4 डिग्री बढ़ जाए और तापमान लगभग 40 से 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाए तो इसे एक गंभीर हीटवेव कहा जाता है वही तटीय क्षेत्र में जब औसत उच्चतम मान में 4.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाए यानि लगभग 37 डिग्री सेल्सियस तापमान हो जाए तो उससे हीट वेव कहा जाएगा
विश्व स्वास्थ संगठन का क्या कहना है What does the World Health Organization say
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के कारण लोगों पर इसका सीधा असर पड़ रहा है अत्यधिक तापमान बढ़ने के कारण विश्व स्तर पर भी इसका असर हो रहा है साल 2000 से 2016 के बीच हीटवेव के संपर्क में आने वाले संख्या लगभग 125 मिलियन हो गई थी वही अकेले 2015 में किसी अन्य साल की तुलना में 1 7.5 करोड़ अधिक लोग हीटवेव की चपेट में आए थे आपको बता दें कि हीटवेव के कारण साल 2010 में अकेले रूस में 44 दिन भीषण गर्मी के दौरान 56000 मौतें हुई थी 2003 में यूरोप में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी की लहर के कारण 20000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी यही नहीं वर्ष की फोबर्स के रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में भी गर्मी के कारण पूरे पश्चिमी यूरोप में 20,000 से अधिक मौतें हुई थी