story of transgender: देश की पहली ट्रांसजेंडर महिला डॉक्टर की वजह से देश में लागू हुआ यह नया नियम

अपनी सड़क पर देखा होगा कि ट्रांसजेंडर पैसा मांगते हैं या ट्रेनों में देखा होगा पैसा मांगते हैं जिस वजह से लोग इनसे काफी नफरत करते हैं कई बार कुछ बदतमीज किस्म के ट्रांसजेंडर होते हैं जो बदतमीजी करते हैं लेकिन आज हम आपको एक ऐसे ट्रांसजेंडर के बारे में बताने वाले हैं जो भारत का नियम ही बदल दिया है,

एक समय ऐसा था कि ट्रांसजेंडर को लोग सम्मान की नजर से नहीं देते थे लेकिन बदलते समय में आज ट्रांसजेंडर अब चुनाव लड़ रहे हैं मतदान कर रहे हैं अपने हर काम में भागीदारी निभा रहे हैं केवल बधाई गाना या ट्रेन में पैसे मांगने तक नहीं सीमित है अभी-अभी अपना अधिकार ले रहे हैं ऐसे ही कहानी है एक ऐसे ट्रांसजेंडर महिला की जिसने नीट पीजी में परीक्षा पास कर सभी ट्रांसजेंडर के लिए अलग से कोटा बनवा,

हाल ही में एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार व राज्य सरकार ने यह लिया है कि राष्ट्रीय चिकित्सक आयोग की पोस्ट ग्रैजुएट मेडिकल कोर्स 2023 में एडमिशन लेने वाले कैंडिडेट के लिए ट्रांसजेंडर कोटा भी दिया जिसके बाद ट्रांसजेंडर काफी खुश हैं उम्मीद जगी है की अब उनके भी समाज के लोग डॉक्टर बन सकते हैं डॉक्टर बनने में आसानी होगी, यह आदेश तेलगाना कोर्ट की ओर से मिला है कोर्ट ने यह फैसला अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाले ट्रांसजेंडर महिला डॉक्टर कोयल रुथा जॉन पॉल की याचिका पर दिया

कोयल रूथा जॉन पॉल पीजी नीट 2022 में शामिल हुई थी और उन्होंने 800 में से 261 अंक हासिल किए थी

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