देवरिया के धरती को देवों की नगरी कहा जाता है कहा जाता है कि देवरिया में प्राचीन काल में देवी देवता पूजा पाठ किया करते थे प्राचीन काल में देवरिया जनपद जंगलों से घिरा हुआ था यहां देवताओं का वास हुआ करता था जिस वजह से जिले का नाम देवरिया पड़ा चाहे जो भी हो लेकिन देवरिया जनपद में मंदिरों और मठों की कमी नहीं है कुशीनगर जो वर्तमान में जिला में परिवर्तन हो गया है वह देवरिया का एक भाग था जहां भगवान बुध का मंदिर है कोई कुशीनगर जनपद में रामकोला मंदिर जहां ऋषि मुनि तब किया करते थे देवरिया के देव रहे मंदिर देवराहा बाबा मंदिर यह सभी मंदिर तब करने वाले ऋषि मुनि बनवाएं है ऐसा कहा जाता है
लेकिन देवराहा बाबा तपोभूमि पर स्थित कल्पवृक्ष दुनिया का सबसे महंगा वृक्ष और धार्मिक वृक्ष के रूप में जाना जाता है कल्पवृक्ष को कहा जाता है कि यह स्वर्ग लोक का वृक्ष है जो पृथ्वी पर भगवान के द्वारा लाया गया है या वृक्ष देवरिया जनपद में मात्र एक स्थान पर है देवराहा बाबा तपोभूमि जो भी देवराहा बाबा के दिव्य स्थान पर जाता है
वहां कल्पवृरीक्ष की पूजा पाठ अवश्य करता है कहा जाता है कि कल्पवृक्ष की पूजा पाठ करने से घर में शांति सुख समृद्धि आती है यही वजह है कि देवरिया जनपद में मात्र एक कल्पवृक्ष को देखने के लिए अन्य जनपद से भी लोग आते हैं बात की जाए देवराहा बाबा तपोभूमि की तो या तपोभूमि विश्व में प्रख्यात है यहां देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद इंदिरा गांधी राजीव गांधी फिल्मी स्टार देश-विदेश के नेता आकर देवरहा बाबा का आशीर्वाद लेते थे देवरहा बाबा स्थानीय लोगों के तंग करने से समाधि ले लिए थे तभी से आज तक देवराहा बाबा की तपोभूमि का विकास नहीं हो पाया लेकिन आज भी यहां दिव्य शक्ति मौजूद है लोगों का कहना है कि यह कल्पवृक्ष दिव्य शक्ति की प्रतीक है