गोरखपुर: धुरियापार चीनी मिल की जमीन पर अदाणी समूह खोल सकता है सीमेंट फैक्टरी

गोरखपुर जिले के धुरियापार में स्थित चीनी मिल की जमीन पर अब अदाणी समूह एक सीमेंट फैक्टरी खोलने की योजना बना रहा है। इस खबर ने स्थानीय लोगों और क्षेत्रीय उद्योग जगत में हलचल मचा दी है। चीनी मिल की यह जमीन लंबे समय से निष्क्रिय पड़ी है और अब इसे औद्योगिक गतिविधियों के लिए उपयोग में लाने की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है।

अदाणी समूह की योजना

अदाणी समूह, जो भारत के प्रमुख व्यापारिक घरानों में से एक है, ने गोरखपुर में अपनी औद्योगिक उपस्थिति बढ़ाने के लिए इस जमीन को चुना है। यह प्रस्तावित सीमेंट फैक्टरी न केवल क्षेत्र में उद्योगिक विकास को बढ़ावा देगी, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगी। अदाणी समूह की इस पहल को लेकर स्थानीय उद्योग मंडल और व्यापारियों में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।

चीनी मिल की वर्तमान स्थिति

धुरियापार की चीनी मिल पिछले कई वर्षों से बंद पड़ी है और इस कारण स्थानीय किसानों और मजदूरों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा है। चीनी मिल की बंदी से क्षेत्र की आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इस जमीन का औद्योगिक उपयोग होने से न केवल क्षेत्र की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, बल्कि लंबे समय से प्रतीक्षित विकास कार्य भी संभव हो पाएंगे।

सरकारी समर्थन और प्रक्रिया

अदाणी समूह के इस प्रस्ताव को लेकर सरकारी स्तर पर भी चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं। राज्य सरकार ने इस पहल को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखा है और इस पर तेजी से कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। भूमि आवंटन और अन्य औपचारिकताओं को जल्द ही पूरा किया जाएगा, ताकि परियोजना को शीघ्र ही शुरू किया जा सके।

स्थानीय प्रतिक्रिया

स्थानीय लोगों ने भी इस कदम का स्वागत किया है। उनका मानना है कि इससे क्षेत्र में विकास की नई राह खुलेगी और युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। हालांकि, कुछ लोगों ने पर्यावरणीय प्रभाव और पारिस्थितिकी संतुलन को लेकर चिंता व्यक्त की है। वे चाहते हैं कि परियोजना शुरू करने से पहले पर्यावरणीय प्रभाव का उचित आकलन किया जाए और सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।

निष्कर्ष

गोरखपुर के धुरियापार में चीनी मिल की निष्क्रिय जमीन पर अदाणी समूह द्वारा सीमेंट फैक्टरी खोलने की योजना ने क्षेत्र में एक नई उम्मीद जगा दी है। यह परियोजना न केवल आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि स्थानीय लोगों के जीवन स्तर को भी सुधारने में सहायक होगी। अब देखना यह है कि सरकार और अदाणी समूह मिलकर इस परियोजना को कैसे अंजाम तक पहुंचाते हैं और क्षेत्र के विकास में किस प्रकार योगदान देते हैं।

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