देवरिया जिले के बैतालपुर क्षेत्र के समीप स्थित गांव गोविंदपुर में अब रोमांच की एक नई उड़ान शुरू हो चुकी है। यहां पहली बार पैरा ग्लाइडिंग की शुरुआत हुई है, जिससे क्षेत्र में साहसिक खेलों के प्रेमियों के लिए एक नया आकर्षण केंद्र बन गया है। इस पहल की शुरुआत राहुल मणि नामक स्थानीय युवा उद्यमी ने की है, जिन्होंने मात्र 1000 रुपये में इस सेवा को उपलब्ध कराकर आम जनता के लिए रोमांच का नया दरवाजा खोला है।

इस कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर देवरिया सांसद स्वयं उपस्थित रहे और उन्होंने पहली उड़ान भरकर आयोजन की शुरुआत की। सांसद महोदय ने इसे पूर्वांचल के लिए बहुत बड़ा दिन बताया और कहा कि इस प्रकार की पहलें न केवल जिले को पहचान दिलाएंगी, बल्कि युवाओं में आत्मविश्वास और साहस को भी बढ़ावा देंगी।
पैरा ग्लाइडिंग जैसी रोमांचक गतिविधि अब तक बड़े शहरों या पर्यटन स्थलों तक ही सीमित मानी जाती थी, लेकिन राहुल मणि ने अपने प्रयासों से यह साबित कर दिया कि छोटे गांव भी ऐसे आयोजनों का केंद्र बन सकते हैं। उनका उद्देश्य न केवल युवाओं को रोमांच से जोड़ना है, बल्कि देवरिया जैसे अपेक्षाकृत शांत जिले को पर्यटन मानचित्र पर लाना भी है।
संस्थापक राहुल मणि ने कहा, “मैं चाहता हूं कि देवरिया का नाम देशभर में एक नए नजरिए से लिया जाए। हमारे गांवों में भी प्रतिभा और जुनून की कोई कमी नहीं है। यह पहल युवाओं और खासतौर पर लड़कियों के आत्मविश्वास को नई उड़ान देने के लिए है।”
इस आयोजन में खास बात यह रही कि लड़कियों और महिलाओं में इस खेल को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। बड़ी संख्या में महिलाएं और युवतियां पैरा ग्लाइडिंग के लिए उमड़ीं।
अदिति मिश्रा, जो देवरिया की रहने वाली हैं, ने कहा, “मैंने कभी सोचा नहीं था कि अपने ही जिले में इतनी रोमांचक चीज़ करने को मिलेगी। जब उड़ान भरी तो ऐसा लगा जैसे सपनों की दुनिया में पहुंच गई हूं।”
कृतिका यादव, बैतालपुर की छात्रा, ने बताया, “पैरा ग्लाइडिंग करना हमेशा से मेरा सपना था, पर लगता था कि ये सिर्फ टीवी में देखने के लिए है। आज ये सपना सच हो गया।”
नैन्सी सिंह, जो पहली बार उड़ान भरने आई थीं, ने मुस्कुराते हुए कहा, “शुरुआत में थोड़ी घबराहट थी, लेकिन जैसे ही ऊपर गई, बस हवा और आज़ादी महसूस हुई। मैं दूसरी बार फिर आऊंगी।”
देवरिया के गोविंदपुर में शुरू हुई यह पहल भविष्य में जिले को साहसिक खेलों का एक प्रमुख केंद्र बना सकती है। राहुल मणि जैसे युवाओं की सोच और साहसिक पहल आने वाले समय में पूरे पूर्वांचल के लिए एक मिसाल बन सकती है।