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गर्मी, लू और हीट वेव से कैसे बचें? जानिए इसके लक्षण, बचाव और इलाज के उपाय

गर्मी का मौसम अपने चरम पर है और उत्तर भारत के कई हिस्सों में लू (Heat Wave) का कहर लगातार जारी है। जब तापमान सामान्य से कहीं अधिक हो जाता है और गर्म हवाएं चलती हैं, तब लू लगने का खतरा बढ़ जाता है। यह स्थिति विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। लू और हीट स्ट्रोक एक जानलेवा स्थिति बन सकती है अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए। ऐसे में जरूरी है कि हम इसके लक्षणों को समझें, बचाव के उपाय अपनाएं और समय पर उचित इलाज करें।

क्या है लू और हीट वेव?

लू एक प्रकार की गर्म और शुष्क हवा होती है जो आमतौर पर मई और जून के महीनों में उत्तर भारत में चलती है। जब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है और हवा में नमी बहुत कम हो जाती है, तो यह स्थिति लू या हीट वेव कहलाती है। लगातार ऐसी स्थिति बनी रहने पर शरीर का तापमान नियंत्रण बिगड़ सकता है और व्यक्ति हीट स्ट्रोक का शिकार हो सकता है।

लू के लक्षण

लू लगने के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:

  • अत्यधिक पसीना आना या कभी-कभी पसीना बंद हो जाना
  • सिरदर्द, चक्कर आना या बेहोशी
  • शरीर का तापमान अचानक बहुत अधिक बढ़ जाना (104°F या उससे ऊपर)
  • त्वचा का सूख जाना और गर्म महसूस होना
  • मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन
  • उल्टी, मतली या घबराहट
  • तेज़ और असामान्य रूप से धड़कता हुआ दिल

अगर इन लक्षणों को नज़रअंदाज़ किया जाए तो यह स्थिति जानलेवा हो सकती है।

बचाव के उपाय

  1. धूप से बचें – सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक घर से बाहर निकलने से बचें।
  2. ढीले और हल्के रंग के कपड़े पहनें – सूती और आरामदायक कपड़े शरीर को ठंडा रखने में मदद करते हैं।
  3. पानी ज्यादा पिएं – शरीर को हाइड्रेट रखना सबसे जरूरी है। नींबू पानी, छाछ, नारियल पानी जैसे तरल पदार्थ भी फायदेमंद हैं।
  4. छाते या टोपी का प्रयोग करें – धूप में निकलते वक्त छाता, टोपी या गमछा जरूर लें।
  5. शरीर को ठंडा रखें – दिन में दो बार नहाएं या शरीर पर ठंडे पानी की पट्टियां रखें।
  6. भारी भोजन से बचें – हल्का और सुपाच्य खाना लें। तली-भुनी चीजों से परहेज करें।

लू का इलाज

अगर किसी को लू लग जाए तो सबसे पहले उसे ठंडी जगह पर ले जाएं। उसके शरीर को ठंडा करने के लिए गीले कपड़े से पोछें या ठंडे पानी की पट्टियां रखें। उसे पानी, नमक-चीनी का घोल या ओआरएस दें। अगर हालत गंभीर हो तो तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।

विशेष सावधानियां

बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चे और जो पहले से बीमार हैं, उन्हें हीट वेव से सबसे ज्यादा खतरा होता है। इसलिए इन लोगों की विशेष देखभाल जरूरी है।

निष्कर्ष:
गर्मी और लू से बचाव ही इसका सबसे बेहतर इलाज है। सावधानी बरतकर और सही जानकारी रखकर हम खुद को और अपने परिवार को इस खतरनाक स्थिति से सुरक्षित रख सकते हैं। गर्मी के इस मौसम में सतर्क रहना और जरूरी एहतियात अपनाना ही समझदारी है।

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