कहा जाता है कि भारत में अगर राजनीतिक विद्रोह ना हो तो सभी जाति धर्म एक साथ मिलकर रहते हैं जिसका मिसाल है नेपाल में मदरिया पहाड़ इस पहाड़ पर प्रतिवर्ष फरवरी के महीने में हिंदू मुस्लिम लाखों की संख्या में जाते हैं और और मदार बाबा की दरगाह पर माथा टेकते हैं ऊंची चढ़ाई चढ़ने के बाद दरगाह पर लोग पहुंचते हैं उससे पहले यह जान लेना जरूरी है कि यहां लोग क्यों जाते हैं क्या मन्नत मांगने जाते हैं यह क्या खास वजह है ।
मदरिया पहाड़ पर जाने के लिए देवरिया जनपद कुशीनगर महाराजगंज गोरखपुर सिवान गोपालगंज मऊ बलिया बस्ती इन जनपदों के लोग हर वर्ष मदार बाबा का दर्शन करने जाते हैं यहां तो ना कोई हिंदू होता है ना कोई मुस्लिम होता है धर्म से दूर लोग यहां पहुंचकर मदार बाबा के दरगाह पर माथा टेकते हैं आखिर क्यों लाखों लोग खींचे चले जाते हैं नेपाल के धरती पर मदार बाबा के दर्शन करने ऐसा क्या है
लोग क्यों जाते हैं मदरिया पहाड़ Why do people go to Madaria Pahar
लोग मदरिया पहाड़ क्यों जाते हैं जानने के लिए आपको इतिहास में जाना पड़ेगा कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कहा जाता है कि बाबा बादीउदीन कुतबुल मजार स्थित है कहा जाता है कि यह 600 वर्ष पूर्व कई देशों का भ्रमण करते हुए मदार पहाड़ पर समाधि ले लिए इस दुनिया में जाति धर्म को भूलकर भाईचारा का संदेश देते थे यही वजह है कि आज इनके मजार पर सभी धर्म जाति के लोग पहुंचकर चद्दर चढ़ाते हैं । कुछ लोगों का ऐसा कहना है कि मदार के दूध से बीमारी का इलाज करते थे इसीलिए इन्हें मदरिया बाबा भी कहा जाता है मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गोरखपुर से मदरिया पहाड़ की दूरी 277 किलोमीटर है ।
मदरिया पहाड़ जाने का रास्ता क्या है ।what is the way to madaria mountain
मदरिया पहाड़ जाने के लिए आप गोरखपुर से भी जा सकते हैं गोपालगंज से भी जा सकते हैं बताया जाता है कि नेपाल के महलबारी के दुर्गम पहाड़ी रास्ते से होकर जाना पड़ता है जहां मदार बाबा को लोग कपड़ा चढ़ाते हैं वहीं कुछ लोग खड़ा मुर्गा भी चढ़ाते हैं लेकिन खास बात यह है कि यहा मुर्गा की हत्या नहीं होती है केवल चढ़ा कर लो फिर उसको अपने साथ लेकर चले जाते हैं मदरिया पहाड़ पर जाने के लिए काफी सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि ऊंची चोटी पर चढ़ने के लिए सावधानी बेहद जरूरी है अगर पैर फिसला तो लोग खाई में गिरेंगे यहां से बचने की कोई चांस नहीं रहती है कई बार ऐसा होता है कि लोग के गिरने से मौत हो जाती है लेकिन इस चुनौतियों के बावजूद भी लोग मदरिया पहाड़ जाना नहीं भूलते हैं यहां पर 13 दिन का मेला लगता है जिस मेला को देखने के लिए जैसे आप जानते हैं कि देवरिया गोरखपुर कुशीनगर अन्य जनपद के लोग पहुंचते हैं या भारत के टूरिज्म के नेपाल जाने से काफी राजवंश भी नेपाल को मिलता है नेपाल और भारत के बीच में कोई वीजा पासपोर्ट नहीं लगता इसी वजह से लोग आसानी से पड़ोसी देश नेपाल में जाकर मदरिया पहाड़ पर मदरिया बाबा का दर्शन करके आते हैं ।मदरिया पहाड़ पर एक ऐसा पत्थर है जो सबसे नहीं उठता है जो सच्चे मन से उठाते हैं पत्थर उन्हीं से उठ पाता है नहीं तो कितना भी शक्तिशाली लोग हैं उनसे वह पत्थर हिलता तक नहीं है । मदरिया पहाड़ पर बहुत कुछ देखने को नहीं है केवल लोग मजार पर ही माथा टेकने जाते हैं यहां नेपाल के कुछ लोगों के द्वारा ज्यादा से ज्यादा 50 के संख्या में दुकान लगाए रहते हैं जो जरूरी के समान काफी महंगे दामों पर देते हैं भारत से गए लोग उसे खरीदते हैं
यह थी मदरिया पहाड़ से संबंधित कुछ जानकारी
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