प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोर्ड की परीक्षाओं कि शुरू होने से पहले छात्रों के साथ परीक्षा पर उन्होंने कि चर्चा के दौरान मोदी ने बच्चों को परीक्षा का प्रेसर रिजल्ट का दबाव और टाइम मैनेजमेंट से लेकर बच्चों को लगभग हर सवाल का जवाब दिया परीक्षा पे चर्चा में पीएम मोदी ने बच्चों के द्वारा हर प्रश्न पूछे गए प्रशन को अपनी भाषा में उन्होंने बताया
फोन और रिल्स पर उन्होंने क्या कहा
साथी में उन्होंने बताया कि भारत में लगभग हर लोग एक औसतन के अनुसार 6 घंटा लोग स्क्रीन पर लगाते हैं
साथी में उन्होंने कहा जो बिजनेस करते हैं उनके लिए तो यह खुशी की बात है और उन्होंने बताया कि जब मोबाइल के टाइम पर टॉकटाइम होता था तब लोग का औसतन 20 मिनट स्क्रीन पर था और अब रिल्स को लेकर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा बच्चों से कि अब आप जब देखते हैं तो क्या उसे बाहर निकलते हैं
साथ ही उन्होंने यह कहा कि अगर औसतन 6 घंटा लोग स्क्रीन पर समय दे रहे हैं तो वाकई में बहुत ही गहरी चिंता की विषय है और उन्होंने कहा कि जो गैजेट्स होते हैं वह हमें गुलाम बना लेता है और उन्होंने कहा कि हम उसके गुलाम बनकर जी नहीं सकते हैं परमात्मा ने हमें स्वतंत्र रुप दिया स्वतंत्र जीवन दिया है स्वतंत्र व्यक्तित्व दिया है और इसलिए हमें सचेत रहना चाहिए कहीं मैं इसका गुलाम तो नहीं हूं आपने देखा होगा आप कभी भी हमारे हाथ में कभी कोई मोबाइल फोन नहीं दिखाई देता होगा शायद ही कभी अपने देखा होगा मैंने क्यों अपने आप को संभाल कर रखा है active-active में बहुत हूं क्योंकि उसके लिए मैं समय तय किया हूं और उस समय तय किए हुए के बाहर बाहर मैं ज्यादा नहीं करता हूं और इसलिए लोग लोगों की अच्छी मीटिंग चल रही है थोड़ा सा मोबाइल में बेब्रेसन आया तो लोग तुरंत निकाल कर देखने लगते हैं हमें इन गैजेट्स के गुलाम नहीं बनना है ऐसी कोशिश करनी चाहिए साथ में ही उन्होंने कहा कि मैं टेक्नोलॉजी का उपयोग करूंगा टेक्नोलॉजी से भागूंगा नहीं लेकिन मैं काम की चीजों के लिए ही उपयोग करूंगा उसकी उपयोगिता और आवश्यकता अपने मुताबिक करूंगा
व्हट्सएप को लेकर कहीं बड़ी बातें
साथी में उन्होंने कहा परिवार वाले एक ही घर में रहे हैं और एक ही साथ रह रहे हैं लेकिन अब घर में ही से अगर मां को बुलाना है तो घर में से ही मां को व्हाट्सएप कर रहे हैं मां भी पापा को व्हाट्सएप कर रही हैं देखा होगा अपने घर में सब लोग बैठे हैं साथ में ही सब लोग अपने मोबाइल में खोए होंगे पहले लोग बस में ट्रेन में जाते थे तो लोग गप्पे मारते थे अगर अब लोगों कनेक्टिविटी मिल गई तो पहला काम यही मोबाइल चलाने का जैसे लगता है कि दुनिया का सारा काम उन्हे ही मिल गई हो उनके बिना दुनिया रुक जाने वाली है यह जो बीमारियां है इन बीमारियों को हमें पहचाना होगा हम इस बीमारियों को पहचानेंगे तो हम इस बीमारियों से मुक्त हो सकते हैं कहते हैं
चर्चा करते हुए उन्होंने कहा मेरा आग्रह है..
मेरा आग्रह है कि क्या आप अपने घर में कुछ एरिया तय कर सकते हैं और यह काम आप आज ही जाकर अपने घर में अप्लाई कीजिएगा और उस एरिया को नॉन टेक्नोलॉजी जोन के रूप मे बनाना है नॉन टेक्नोलॉजी जोन मतलब वहां टेक्नोलॉजी को एंट्री ही नहीं देनी है उस घर के अंदर आना है तो मोबाइल को बाहर ही रखना है और वहां आराम से बैठेंगे और बातें करेंगे नोन टेक्नोलॉजी एक छोटा सा कमरा या एक रूम की तरह बना दीजिए अगर किसी को भी उस रूम में आना है तो मोबाइल या जीतने भी टेक्नोलॉजी गैजेट्स रूम के बाहर ही रख के अंदर आना है उसके बाद देखिए आपको जीवन जीने का धीरे-धीरे आनंद आने लगेगा