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Deoria News: देवरिया में मनरेगा घोटाला: बिना काम के निकाले जा रहे हैं पैसे, अधिकारियों की लापरवाही से भ्रष्टाचार चरम पर

देवरिया जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के नाम पर हो रहा बड़ा खेल सामने आया है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण मजदूरों को रोजगार की गारंटी देना है, लेकिन देवरिया जनपद में यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। भटनी ब्लॉक, देवरिया ब्लॉक और अन्य ब्लॉकों की कुछ ग्राम पंचायतों में बिना काम किए ही मजदूरों की उपस्थिति दर्ज कराई जा रही है।

प्रतीकात्मक फोटो

योजना में भ्रष्टाचार का बोलबाला

ग्रामीण क्षेत्रों में धरातल पर कोई काम नहीं हो रहा है, लेकिन सरकारी पोर्टल पर जमकर कार्य दिखाया जा रहा है। जिला अधिकारी को इस बारे में प्रेस वार्ता में अवगत कराया गया था, लेकिन इसके बावजूद भी देवरिया जनपद में मनरेगा के नाम पर भ्रष्टाचार तेजी से बढ़ रहा है। सरकार श्रमिकों को रोजगार देने की कोशिश तो कर रही है, लेकिन यह रोजगार भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है। इस घोटाले में ग्राम प्रधान से लेकर ब्लॉक के उच्च अधिकारी तक लिप्त हैं।

सरकारी पोर्टल और जमीन हकीकत में अंतर

मनरेगा की वेबसाइट पर दिखाए गए कार्य और जमीन स्तर पर किए गए कार्य में बहुत बड़ा अंतर है। वेबसाइट पर बड़े-बड़े काम दिखाए जा रहे हैं, लेकिन जब उन ग्राम पंचायतों में जाकर देखा जाता है, तो हकीकत में कुछ भी काम नहीं हो रहा है। यह स्थिति केवल देवरिया जिले तक सीमित नहीं है, बल्कि राज्य के अन्य हिस्सों में भी यही हाल है।

अधिकारियों की लापरवाही

सबसे ताज्जुब की बात यह है कि अधिकारियों के संज्ञान में होने के बावजूद भी इस भ्रष्टाचार पर कोई अंकुश नहीं लगाया जा रहा है। अगर मनरेगा में हो रहे इस भ्रष्टाचार पर तुरंत अंकुश नहीं लगाया गया, तो सरकारी खजाना खाली होता रहेगा और जिन कार्यों के लिए पैसा खर्च किया जा रहा है, वे भी नहीं होंगे।

आम जनता पर बोझ

इस घोटाले का सीधा असर आम जनता पर पड़ रहा है। सरकार के तमाम टैक्स भरते हुए भी उन्हें कोई लाभ नहीं मिल रहा है, जबकि भ्रष्टाचारी इन पैसों का दुरुपयोग कर रहे हैं। अगर यही स्थिति बनी रही, तो सरकार की योजनाएं आम जनता तक नहीं पहुंच पाएंगी और भ्रष्टाचार बढ़ता ही रहेगा।

निष्कर्ष

देवरिया में मनरेगा के नाम पर हो रहे इस बड़े घोटाले को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है। सरकार को चाहिए कि वह इस मामले की जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। तभी जाकर मनरेगा जैसी महत्वपूर्ण योजना का असली लाभ ग्रामीण मजदूरों तक पहुंच सकेगा और सरकारी खजाने की बर्बादी रुकेगी। इस मामले में जनता को भी सजग रहने की जरूरत है ताकि वे खुद इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा सकें और अपने अधिकारों की रक्षा कर सकें।

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