Ghazipur News:गाजीपुर में युवक ने 42 डिग्री सेल्सियस तापमान में उगाया कश्मीरी सेब apple

Ghazipur News: इंसान प्रयास करें तो कुछ भी कर सकता है जिसका जीता जागता उदाहरण है गाजीपुर का एक युवक जो 42 से 45 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी सेब की खेती कर उसका फल उगा रहा है,

सेब खाना किसको पसंद नहीं है क्योंकि सेब काफी मीठा होता है अगर पोषण तत्वों से भरा रहता है जिस वजह से बाजार में सेब का कीमत कभी कम नहीं होती है बात किजए सेब की पैदावार हमारे भारत में सबसे ज्यादा काश्मीर में होती है उसके बाद हिमाचल प्रदेश में सेब की पैदावार होते हैं उत्तराखंड में भी सेब की खेती की जाती है लेकिन इन सभी जगहों पर मौसम काफी ठंडा रहता है जिस वजह से सेब आसानी से पैदा होता है लेकिन चिलचिलाती धूप उत्तर प्रदेश में अगर कोई किसान सेब पैदावार कर रहा है तो अन्य किसानों के लिए काफी है चमत्कार माना जाता है लेकिन आज हम आपको बताने वाले हैं कि आप अभी अपने घर पर किस तरह से सेब की खेती करने कर अपने खेतों में अच्छी पैदावार कर सकते हैं,

यूपी बिहार में कैसे करें सेब की खेती apple

यूपी-बिहार में भी अब सेब की खेती होने लगी है जिसके लिए उन्नत बीज भी तैयार हो गया है ज्यादातर किसान यूपी और बिहार में प्राकृतिक खेती करते हैं जैसे कि गेहूं धान मक्का बाजरा आदी खेती करते हैं जिसमें लागत ज्यादा लगती है और कमाई बहुत कम होता है वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो उन्नत खेती कर कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाते हैं जैसे कि केला पपीता सब्जी की खेती अमरूद की खेती ऐसे तमाम खेती है जो उन्नत किसान करते हैं हर्मन 99 प्रजाति के सेब मैदानी भाग में भी अच्छा पैदावार होता है यह सेब खाने में हिमाचल प्रदेश और कश्मीर जैसे मीठा नहीं होता है हल्का खट्टा होता है ,

वही गाजीपुर के रहने वाले सुनील कुशवाहा ने गाजीपुर में परम्परिक की खेती छोड़कर सेब की खेती किए हैं जो उनकी खेत में सेब पैदा भी हो रहा है जिस वजह से आसपास के किसान उनके पास पहुंचकर यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर उन्होंने इस सेब की कैसे खेती की क्या है प्रक्रिया , सुनील कुशवाहा बताते हैं कि हम एक बार हिमाचल प्रदेश गए थे जहां मुझको पता चला कि एक ऐसा भी सेब की प्रजाति है जो 45 डिग्री सेल्सियस में भी फल देता है जिसके बाद हमने वहां से सेब की पौधा मंगवाया और अपने खेत में लगाया जिसका अच्छा रिजल्ट रहा जिसके बाद हमने 4 बीघा खेत में सेब की खेती किया है

वही सुनील कुशवाहा का कहना है कि अगले वर्ष पौधे में बहुत कम फल आया था जिससे हम थोड़ा निराश हो गए थे लेकिन इस बार सभी पौधों में अच्छा फल आया है 1 पौधे में कम से कम 50 फल लगे हैं वही सुनील कुशवाहा ने अपने खेत में 222 सेब के पौधे लगाए हैं सुनील की शिक्षा की बात की जाए तो उन्होंने बीटेक की पढ़ाई किया है लेकिन सुनील ऑर्गेनिक खेती करना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने गाजीपुर कृषि केंद्र में जाकर ऑर्गेनिक खेती औपचारिक शिक्षा ली इसके साथ ही मध्य प्रदेश के रहने वाले सुभाष पालेकर के संध्या में भी उन्होंने ऑर्गेनिक खेती के गुण सीखे जिसके बाद अब गाजीपुर में किसानों के लिए उम्मीद का चिराग बन गए हैं

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