आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आज नागरी प्रचारिणी सभा भवन में शहीदों क्रांतिकारियों की योगदान को व्यक्त करने के लिए विरासत: आजादी की कहानी डाक टिकटों की जुबानी प्रदर्शनी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन एडीएम (वित्त एवं राजस्व) नागेंद्र कुमार सिंह ने किया।
इस अवसर पर एडीएम वित्त एवं राजस्व नागेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित इस प्रदर्शनी में महात्मा गांधी एवं अन्य अमर शहीदों की जीवन वृत्त पर अत्यंत मनमोहक प्रदर्शनी लगी है। देश के स्वतंत्रता संग्राम नायको की बानगी को इस प्रदर्शनी के माध्यम से एक स्थान पर देखा जा सकता है। महात्मा गांधी, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह, सरदार वल्लभ भाई पटेल, जवाहर लाल नेहरु, सरोजनी नायडू रवींद्र नाथ टैगोर सहित कई स्वतंत्रता आंदोलन के नायकों के योगदान को प्रदर्शित किया गया है। प्रत्येक जनपदवासी को अपने इतिहास से रूबरू होने के लिए इस प्रदर्शनी को अवश्य देखना चाहिए।
डाक टिकट संग्रह करता हिमांशु कुमार सिंह ने बताया कि आज ही के दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन प्रारंभ करते हुए करो या मरो का नारा दिया दिया था। भारत छोड़ो आंदोलन की स्मृति में गाँधीजी से जुड़े विभिन्न डाक टिकट, सिक्के, पुस्तक, कागजी नोट, तस्वीरें, रेडक्रॉस सोसायटी से जुड़े 400 पोस्टकार्ड आदि आमजनमानस के अवलोकनार्थ लगाये गये हैं।
डाक टिकटों के अलावा 150 रुपये मूल्य का गांधीजी पर जारी चांदी का सिक्का, 1000 रुपये का सिक्का तथा खादी पर जारी विश्व का प्रथम डाक टिकट लोगों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहा।
इस अवसर पर नागरी प्रचारिणी सभा के अध्यक्ष परमेश्वर जोशी,अखिलेंद्र शाही, अनिल कुमार त्रिपाठी, अतुल बरनवाल, दिवाकर प्रसाद तिवारी सहित विभिन्न लोग उपस्थित थे।