Deoria News: भटनी ब्लॉक के 71 ग्राम पंचायतों के बकाया भुगतान पर प्रधानों का गुस्सा फूटा, BDO कार्यालय में ताला जड़कर किया प्रदर्शन

देवरिया जिले के भटनी ब्लॉक में ग्राम पंचायतों के कार्यों का भुगतान न होने से आक्रोशित ग्राम प्रधानों ने सोमवार को जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। पिछले एक साल से लंबित भुगतान की समस्या से परेशान प्रधानों ने ब्लॉक कार्यालय में ताला लगाकर अपना रोष व्यक्त किया और खंड विकास अधिकारी (BDO) परशुराम राम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रधानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक वे पीछे नहीं हटेंगे।

सूत्रों के मुताबिक, भटनी ब्लॉक की 71 ग्राम पंचायतों का लगभग 3 करोड़ 63 लाख रुपये का भुगतान अभी तक लंबित है। इस कारण ग्राम प्रधानों को पंचायत कार्यों को सुचारू रूप से चलाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के लिए मिलने वाली इस राशि के न मिलने से विभिन्न परियोजनाएं ठप हो गई हैं। प्रधानों ने कई बार प्रशासन से इस मुद्दे को सुलझाने की अपील की थी, लेकिन बार-बार आश्वासन मिलने के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

प्रधानों का कहना है कि बीते कई महीनों से भुगतान का इंतजार कर रहे हैं। इस मुद्दे पर प्रधानों ने कई बार ब्लॉक और जिले के अधिकारियों से मुलाकात की, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका। थक हार कर प्रधानों ने अब विरोध का रास्ता अपनाने का फैसला किया है। सोमवार को उन्होंने बीडीओ कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया और कार्यालय के बाहर ताला लगाकर अपना गुस्सा जाहिर किया।

विरोध के दौरान स्थिति तब और भी तनावपूर्ण हो गई जब BDO परशुराम राम को कार्यालय से बाहर निकलते देखा गया। प्रधानों ने उन्हें घेर लिया और जोरदार नारेबाजी की। प्रधानों ने साफ कहा कि जब तक उनका बकाया भुगतान नहीं हो जाता, तब तक वे शांत नहीं बैठेंगे और इस आंदोलन को और भी तेज करेंगे।

इस घटना से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। स्थानीय लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि यदि ग्राम पंचायतों का कार्य ऐसे ही बाधित होता रहा तो इससे विकास कार्यों पर गंभीर असर पड़ेगा। भटनी ब्लॉक की यह घटना अब प्रशासन के लिए भी चुनौती बन गई है। प्रधानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं तो वे और भी उग्र आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे।

इस पूरे मामले को लेकर अब प्रशासन की अगली कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। ग्राम पंचायतों के कार्यों में आ रही इस रुकावट के कारण ग्रामीण इलाकों में भी लोग नाराज हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायतों के विकास कार्य रुकने से उनके इलाके की हालत बदतर हो रही है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मुद्दे को कैसे हल करता है और ग्राम प्रधानों के आक्रोश को शांत करने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।

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