देवरिया जनपद के लार थाना क्षेत्र के जनुआ गांव में शुक्रवार की शाम एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया। यहां टीनशेड में करंट उतरने से तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पांच अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा उस वक्त हुआ जब गांव के ही कृष्ण बिहारी पांडेय के घर पर टीनशेड लगाया जा रहा था। इस कार्य में गांव के कई लोग सहयोग कर रहे थे।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, काम के दौरान अचानक टीनशेड में करंट उतर आया, जिससे वहां मौजूद लोग उसकी चपेट में आ गए। इस दर्दनाक हादसे में 27 वर्षीय मोनू पांडेय, जो भारतीय सेना में कार्यरत थे, 18 वर्षीय पवन कुशवाहा और 22 वर्षीय शिवम उर्फ गुंजन पांडेय की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद पूरा गांव सदमे में डूब गया।
हादसे में घायल हुए लोगों में 22 वर्षीय वेद प्रकाश पांडेय, 22 वर्षीय अजय रजक, 25 वर्षीय जयशंकर शर्मा, 45 वर्षीय शत्रुघन पांडेय और 50 वर्षीय कृष्ण बिहारी पांडेय शामिल हैं। ये सभी लोग करंट की चपेट में आने से गंभीर रूप से झुलस गए हैं। घायलों को तत्काल सीएचसी लार पहुंचाया गया, जहां उनकी हालत को देखते हुए उन्हें महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज देवरिया रेफर कर दिया गया।
घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। जिलाधिकारी दिव्या मित्तल और पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर तुरंत मौके पर पहुंचे और घटनास्थल की जांच शुरू कर दी। इसके साथ ही सलेमपुर की विधायक और राज्य मंत्री विजयलक्ष्मी गौतम भी गांव पहुंचीं और पीड़ित परिवारों को सांत्वना दी। प्रशासन की टीम ने मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच की जा रही है।
इस दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है। मृतकों के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। गांव में मातम पसरा हुआ है और लोग घटना को लेकर स्तब्ध हैं। बताया जा रहा है कि टीनशेड में करंट कैसे आया, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। कुछ लोगों का कहना है कि टीनशेड बिजली के खंभे के संपर्क में आ गया था, जिससे यह हादसा हुआ। हालांकि, प्रशासनिक जांच के बाद ही वास्तविक कारण स्पष्ट हो सकेगा।
स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि प्रशासन से पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने और घायलों के उचित इलाज की मांग कर रहे हैं। वहीं प्रशासन का कहना है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस हादसे ने एक बार फिर बिजली सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह घटना न केवल एक तकनीकी लापरवाही का परिणाम है, बल्कि इससे कई परिवारों का भविष्य भी अंधकारमय हो गया है। लोगों की मांग है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए जरूरी एहतियाती कदम उठाए जाएं।