जिलाधिकारी अखण्ड प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट कार्यकक्ष में नशीले पदार्थों और बच्चों के नशीली दवाओं के सेवन से रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें अधिकारियों को इसके लिए संचालित विभिन्न गतिविधियों को प्रभावी तरीके से क्रियान्वित कराये जाने का निर्देश दिया।
जिलाधिकारी ने कहा कि मादक पदार्थो का सेवन एक सामाजिक समस्या है। शैक्षिक संगठनों के माध्यम से इसके बारे में जागरुकता, नशे से पीडितों की पहचान करना एवं नशे से ग्रस्त लोगो का पुर्नवास करने जैसी सेवाये प्रदान करना नशा मुक्त भारत अभियान का मूल उद्देश्य है। उन्होनेे नशा मुक्ति के लिए विभिन्न आवश्यक गतिविधियों, उपायो को अपनाये जाने पर बल देते हुए कहा कि समाज में तथा ऐसे लोगो के बीच पूरी कार्य योजना के साथ जायें और उनमें जागरुकता लाने का कार्य करें, जिससे कि वे प्रेरित हो और नशा मुक्त हो सकें। उन्होने ऐसे कार्यो में स्वयंसेवी संस्थाओं सहित सभी को बढ-चढ कर अपनी भागीदारी निभायें जाने के साथ ही प्रचार-प्रसार, जारुकता के कार्यक्रम विशेष रुप से आयोजित कराये जाने को कहा। हैण्डबिल, पोस्टर, बैनर, होर्डिंग के माध्यम से लोगो में नशामुक्ति के प्रति जागरुकता लाये जाने पर जोर दिया। उन्होंने जिला समाज कल्याण अधिकारी को इस अभियान के तहत तय कार्य योजना को क्रियान्वित कराये जाने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि जनपद में नशे के प्रमुख हॉटस्पॉट को चिन्हित किया जाए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार, एडीएम प्रशासन गौरव श्रीवास्तव, अपर पुलिस अधीक्षक डॉ राजेश सोनकर, जिला कार्यक्रम अधिकारी कृष्णकान्त राय, बीएसए शालिनी श्रीवास्तव, उप जिलाधिकारी गण, जिला समाज कल्याण अधिकारी जैसवार लाल बहादुर, बाल संरक्षण अधिकारी जेपी तिवारी, अन्य अधिकारी गण उपस्थित रहे।