जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने आज देसही देवरिया ब्लाक स्थित दिघवा पोटवा ग्राम में निर्माणाधीन राजकीय आईटीआई का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई गंभीर खामियां मिली, जिसके जांच के लिए जिलाधिकारी ने एक समिति का गठन किया। जिलाधिकारी ने कहा कि निर्माण परियोजनायें शासन की मंशानुरुप स्वीकृत एस्टीमेट के अनुसार निर्धारित मानकों का अनुपालन करते हुए समयबद्धता के साथ पूर्ण की जाये। इसमें लापरवाही बरतने पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
जिलाधिकारी आज अपरान्ह 01 बजे दिघवा पोटवा पहुंचें, वहां 12.60 करोड रुपए की लागत से उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी लिमिटेड(पैकफेेड) द्वारा राजकीय आईटीआई का निर्माण किया जा रहा है। मौके पर मौजूद अधिशासी अभियंता ने बताया कि निर्माण कार्य जनवरी माह 2022 में प्रारम्भ हुआ, जिसे दो वर्षो में पूर्ण किया जाना है। जिलाधिकारी ने भवन के शटरिंग कार्य में निर्धारित सामाग्री के स्थान पर ईंट से करने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। निर्माणाधीन भवन में पिलर के एलाइनमेंट में भी खामियां मिली। भवन का प्रवेश द्वार भी टेढ़ा-मेढा मिला। इसके अतिरिक्त निर्माण कार्य में दोयम दर्जे के ईट का प्रयोग दिखा। पिलर में प्रयुक्त सरिया भी मानक के अनुरुप नही मिला। निर्माण स्थल पर ठेकेदार द्वारा साइट इंजीनियर भी नही तैनात किया गया था। जिलाधिकारी ने मिली कमियों पर पैकफेड के अधिशासी अभियंता एवं सहायक अभियंता को कड़ी फटकार लगायी। उन्होने अधिशासी अभियंता(सिचाईं) डीके गर्ग की अध्यक्षता में एक जांच समिति का गठन किया है, जो इस पूरे परियोजना की अब तक की प्रगति पर अपनी रिपोर्ट सौपेगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि मानक विरुद्ध हुए कार्य में उत्तरदायित्व तय करके कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। लापरवाही बरतने वाले एवं खराब पर्यवेक्षण करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नही जायेगा।