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Deoria News: 356 आबकारी दुकानों के आवंटन हेतु प्रथम चरण की ई-लॉटरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से संपन्न

देवरिया: आबकारी दुकानों के आवंटन के लिए प्रथम चरण की ई-लॉटरी प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शिता के साथ संपन्न हुई। यह प्रक्रिया आज राजकीय आईटीआई मल्टीपरपज हॉल, देवरिया में शासन द्वारा नामित प्रेक्षक अनिल गर्ग (प्रमुख सचिव, सिंचाई एवं जल संसाधन) की उपस्थिति में आयोजित की गई। जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने पूरी प्रक्रिया का बारीकी से निरीक्षण किया और निष्पक्ष एवं सुचारु रूप से संपादन सुनिश्चित कराया।

ई-लॉटरी प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी

जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने बताया कि आबकारी दुकानों के आवंटन की यह प्रक्रिया पूर्ण रूप से निष्पक्ष एवं पारदर्शी रखी गई है। इसके लिए आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित विशेष सॉफ्टवेयर का उपयोग किया गया। ई-लॉटरी प्रणाली के माध्यम से आबकारी दुकानों के आवंटन में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित की गई है।

उन्होंने बताया कि इच्छुक व्यक्ति ई-लॉटरी प्रक्रिया से संबंधित संपूर्ण जानकारी https://deoria.nic.in/elottery2025/ लिंक पर जाकर प्राप्त कर सकते हैं। इस वेबसाइट पर आवंटित दुकानों की सूची, प्रक्रिया का विवरण और अन्य आवश्यक सूचनाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

8010 आवेदन आए 356 दुकानों के लिए

जिला आबकारी अधिकारी अनिल भारती ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2025-26 के लिए 356 आबकारी दुकानों के आवंटन हेतु कुल 3287 आवेदकों द्वारा 8010 आवेदन प्राप्त हुए। इन 356 दुकानों में विभिन्न प्रकार की शराब और भांग की दुकानें शामिल हैं, जिनका विवरण इस प्रकार है:

  • 152 कंपोजिट शॉप
  • 189 देशी शराब की दुकानें
  • 5 मॉडल शॉप
  • 10 भांग की दुकानें

इस बड़ी संख्या में आवेदन आने से यह स्पष्ट होता है कि आबकारी दुकानों के संचालन में व्यवसायियों की रुचि काफी अधिक है।

प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में संपन्न हुई प्रक्रिया

ई-लॉटरी प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक एवं पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। प्रमुख रूप से इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) गौरव श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अरुण कुमार राय सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

निष्पक्ष प्रक्रिया से सभी आवेदकों को समान अवसर

जिलाधिकारी ने कहा कि शासन की मंशा आबकारी दुकानों के आवंटन में पूर्ण पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने की है, जिससे सभी आवेदकों को समान अवसर मिल सके। आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर और ई-लॉटरी प्रणाली के जरिए किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना समाप्त हो जाती है।

प्रशासन द्वारा आवंटन प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए समुचित व्यवस्थाएं की गई थीं, ताकि सभी आवेदकों को प्रक्रिया में किसी प्रकार की असुविधा न हो। पूरी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप या अनुचित दबाव की कोई गुंजाइश नहीं रही, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि योग्य आवेदकों को ही दुकानें आवंटित हों।

शासन की ओर से पारदर्शिता पर जोर

उत्तर प्रदेश सरकार ने आबकारी नीति के तहत ई-लॉटरी प्रणाली को अपनाकर आबकारी दुकानों के आवंटन में पारदर्शिता और निष्पक्षता को प्राथमिकता दी है। यह प्रणाली भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से विकसित की गई है।

प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि आगे भी आबकारी नीति को पारदर्शी बनाए रखने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, जिससे सभी कार्य विधि सम्मत और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो सकें।

आवेदकों को ऑनलाइन सुविधा का लाभ

ई-लॉटरी प्रक्रिया के तहत आवेदकों को ऑनलाइन आवेदन करने और प्रक्रिया से संबंधित जानकारी घर बैठे प्राप्त करने की सुविधा दी गई है। इससे समय और संसाधनों की बचत हुई है।

निष्कर्षतः, आबकारी दुकानों के आवंटन की यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रही और इसे शासन की मंशा के अनुरूप निष्पक्षता से संपन्न किया गया। प्रशासन का कहना है कि आगे भी इस तरह की प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, जिससे भ्रष्टाचार पर रोक लग सके और सभी आवेदकों को समान अवसर मिल सके।

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