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उत्तराखंड के जंगलों की आग पर बडा अपडेट उत्तराखंड में लगा आग भीषण रूप लेता जा रहा है सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश बारिश या क्लाउड सीडिंग के भरोसे नहीं बैठ सकते

उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग पर अभी तक काबू नहीं पाया गया है दिन पर दिन आग और बढ़ता जा रहा है 11 जिलों तक आग का तांडव पहुंच चुका है उत्तराखंड के जंगलों में आग को रोकने की मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम बारिश के भरोसे हाथ पैर हाथ धरे नहीं बैठे रह सकते सरकार को कारगर रूप से कुछ करना होगा जल्द से जल्द कुछ उपाय शुरू करना होगा

वही याचिका करता ने कहा कि सरकार जितने आराम से बता रही है हालत उससे ज्यादा गंभीर है जंगल में रहने वाले जानवर पक्षी और वनस्पति के साथ आसपास रहने वाले निवासियों की अस्तित्व को भी भीषण खतरा है

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से कहा कि अपने देखा होगा कि मीडिया में जंगलों में आग की कैसी भयावह तस्वीर आ रही है राज्य सरकार क्या कर रही है उत्तराखंड के जंगल में आग को लेकर जस्टिस संदीप मेहता ने कहा कि हम बारिश के भरोसे नहीं बैठे रह सकते हैं सरकार को आगे बढ़कर जल्द ही कारगर उपाय करने होंगे

उत्तराखंड सरकार ने कहा कि अभी 2 महीने आग का सीजन रहता है हर 4 साल में जंगल कि आग का भीषण दौर आता है इसके बाद अगले साल काम फिर और काम घटनाएं होती जाती हैं चौथे साल यह फिर काफी ज्यादा होती है कोर्ट ने कहा कि इस मामले में हमें देखना होगा कि केंद्रीय उच्च अधिकार समिति को कैसे शामिल किया जा सकता है अब कोर्ट में 15 मई को अगली सुनवाई करेगा

आखिर क्लाउड सीडिंग क्या होती है

आपको बता दें कि कृत्रिम बारिश के लिए वैज्ञानिक आसमान से एक ऊंचाई पर सिल्वर आयोडाइड ड्राई आइस और साधारण नमक को बादल में छोड़ते हैं इस क्लाउड सीडिंग कहते हैं इसके जरूरी है कि आसमान में काम से कम 40 फ़ीसदी बादल हो जिनमे थोड़ा पानी मौजूद हो क्लाउड सेटिंग में प्रॉब्लम तब आती है जब बादलों में पानी की मात्रा की कमी होती है

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