प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस जैसे ही किसान पथ पर पहुंची, अचानक आग की लपटें उठने लगीं। आग इतनी तेजी से फैली कि पूरी बस कुछ ही मिनटों में आग की चपेट में आ गई। बस में अफरा-तफरी मच गई। कई यात्री खिड़कियों से कूद गए, लेकिन जो ऊपरी स्लीपर पर सो रहे थे, वे समय रहते बाहर नहीं निकल सके और उनकी मौत हो गई। बस का ड्राइवर और कंडक्टर हादसे के तुरंत बाद दरवाजा खोलकर भाग निकले, जिससे लोगों में आक्रोश है।

लखनऊ के मोहनलालगंज इलाके में गुरुवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया। किसान पथ पर बिहार के पटना से दिल्ली जा रही एक स्लीपर बस में सुबह लगभग 5 बजे अचानक भीषण आग लग गई। हादसे में बस में सो रहे पांच यात्रियों की जिंदा जलकर मौत हो गई, जबकि अन्य यात्रियों ने दरवाजों और खिड़कियों से कूदकर अपनी जान बचाई। मृतकों में दो महिलाएं, दो बच्चे और एक पुरुष शामिल हैं, सभी बिहार के निवासी बताए जा रहे हैं।
सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग बुझाने का काम शुरू किया, लेकिन तब तक बस पूरी तरह जल चुकी थी। आग पर काबू पाने में टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान किसान पथ पर ट्रैफिक भी काफी देर तक रुका रहा। मौके पर पहुंची मोहनलालगंज और पीजीआई थाने की पुलिस ने शवों को बस से बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं, घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।
पीजीआई थाना प्रभारी ने पुष्टि की है कि आग बस की ऊपरी मंजिल पर लगी थी, जहां पांच लोग सो रहे थे। इनकी मौके पर ही मौत हो गई। प्रथम दृष्टया माना जा रहा है कि आग शॉर्ट सर्किट या बस के इंजन से निकली चिंगारी के कारण लगी होगी, हालांकि फायर ब्रिगेड और पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
यह हादसा न सिर्फ दर्दनाक है, बल्कि यह भी सवाल उठाता है कि लंबी दूरी की यात्रा करने वाली बसों की सुरक्षा व्यवस्था कितनी लचर है। यदि बस में आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम होते, तो शायद इन पांच लोगों की जान बचाई जा सकती थी। हादसे के बाद मृतकों के परिवारों में कोहराम मचा हुआ है और स्थानीय लोग प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।