जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह की पहल पर दो मूक-बधिर बच्चों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। जन्म से बोलने सुनने में असमर्थ 4 वर्षीय सिद्धांत गुप्ता एवं साढे तीन वर्षीय रौनक का कॉक्लियर इंप्लांट ऑपरेशन गोरखपुर के निजी अस्पताल में सफल रहा है। ऑपरेशन के पश्चात दोनों बच्चे स्वस्थ हैं और जल्द ही स्पीच थेरेपी के बाद बोलने लगेंगे।
जिलाधिकारी की विशेष पहल पर गत दिनों 133 मूक बधिर बच्चों को कॉक्लियर इंप्लांट के लिए चिन्हित किया गया था। उन्हीं में से सिद्धांत गुप्ता पुत्र महेंद्र गुप्ता निवासी ग्राम देवरिया मीर का गत 15 सितंबर को तथा रौनक पुत्र वीरेन्द्र निवासी ग्राम नीबा माझा नरेश का 17 सितंबर को गोरखपुर स्थित राजदीप हॉस्पिटल में सफलता पूर्वक ऑपरेशन हुआ है। जिलाधिकारी ने प्रसन्नता व्यक्त की और जिला दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी कृष्णकांत राय को दोनों बच्चों का हालचाल लेने के लिए भेजा।
सफल ऑपरेशन के उपरांत दोनों बच्चों की स्पीच थेरेपी कराई जाएगी, जिसमें उसकी शब्द को सुनने और बोलने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार पूर्वक सिखाया जाएगा। स्पीच थेरेपी पूर्ण होते ही दोनों बच्चे सामान्य जीवन व्यतीत करने लगेंगे। दोनों बच्चों के अभिभावकों ने जिलाधिकारी इस पहल का स्वागत किया और सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। अभिभावक महेंद्र गुप्ता ने कहा कि जिलाधिकारी के अथक प्रयत्नों के फलस्वरूप छह-सात लाख रुपये का ऑपरेशन निःशुल्क होना उनके लिए बहुत बड़ी बात है। धन एवं जानकारी के अभाव में वे बच्चे का ऑपरेशन नहीं करा पा रहे थे। इससे उनके बच्चे का जीवन बदल जायेगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि कि यदि किसी को अपने आसपास शून्य से पांच वर्ष आयु वर्ग का कोई मूक बधिर बच्चा मिले तो तत्काल उसे प्रशासन के संज्ञान में ले आए। एक छोटे से ऑपरेशन से उसके जिंदगी में बड़ा बदलाव आएगा। अभी 133 बच्चे चिन्हित हुए हैं जिनमें से दो बच्चों का सफल एवं निःशुल्क ऑपरेशन किया गया है। शेष चिन्हित बच्चों का भी रोस्टरवार ऑपरेशन किया जाएगा।