deoria news: डीएम ने की पशुपालन विभाग के कार्यों की समीक्षा, दिए आवश्यक निर्देश गोटरी फॉर्म के लिए आये 165 आवेदन, प्राथमिकता पर मिलेगा लोन

जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह की अध्यक्षता में देर सायं विकास भवन स्थित गांधी सभागार में पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने गोटरी फॉर्म, गौशाला एवं लंपी स्किन डिजीज (एलएसडी) के संबन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने बैठक में विशेष रूप से बुलाये गए बक़रीपालकों से संवाद कर उन्हें वैज्ञानिक विधि से बकरीपालन करने के लिए प्रेरित किया। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में गोटरी उत्पादों की भारी डिमांड है, अभी महज 20 फीसदी मांग की आपूर्ति ही स्थानीय बकरीपालक कर पा रहे हैं। अधिकांश बकरियों का आयात राजस्थान से किया जाता है। बकरीपालकों ने बैंक से लोन मिलने में आ रही कतिपय समस्याओं का जिक्र किया, जिस पर जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को अपनी उपस्थिति में बैंक प्रतिनिधि एवं बकरीपालकों को आमने सामने बैठाकर लोन दिलाने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि गोटरी फॉर्म के लिए लोन एवं प्रशिक्षण प्राथमिकता के आधार पर दिलाया जाएगा। अभी तक 165 लोगों ने पशुपालन विभाग के पास गोटरी फॉर्म स्थापित करने के लिए आवेदन किया है।

जिलाधिकारी ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में सड़कों, हाईवे, खेतों में घूम रहे निराश्रित गोवंश के हॉटस्पॉट चिन्हित कर 15 सितंबर तक विशेष अभियान चलाकर संरक्षित करने का निर्देश दिया। उन्होंने गोपालको से भी अनुरोध किया कि वे अनुपयोगी गोवंशों को निकटवर्ती गौशाला में दान करें। उन्हें यूं ही खुले में न छोड़े।

जिलाधिकारी ने जनपद में संचालित गो-आश्रय स्थलों को सेंटर आफ एक्सीलेंस में बदलने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि गौशालाओं में एयर पंप बेस्ड जनसेट का निर्माण, बायोगैस जेनरेशन, बायोफर्टिलाइजर सहित विभिन्न नवोन्मेषपरक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाए, जिससे ये आत्मनिर्भर बनने के साथ ही लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराएं। उन्होंने सर्वप्रथम पिपराचन्द्रभान स्थित बृहत गौ- आश्रय स्थल को विकसित करने का निर्देश दिया।

जिलाधिकारी ने नंदिनी कृषक समृद्धि योजना को प्रोत्साहन देने का निर्देश भी दिया। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत लाभार्थियों को देशी नस्ल की 25 गाय उपलब्ध कराई जाएगी। इन 25 गायों का सरकार द्वारा बीमा कराया जाएगा। नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के माध्यम से राज्य में देसी नस्ल की गायों को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें कृषक और पशुपालकों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने और दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में बढ़ोतरी करने के उपाय बताये जाएंगे।

जिलाधिकारी ने लंपी स्किन डिजीज (एलएसडी) पर विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में विशेष कैंप आयोजित कर टीकाकरण किया जाये।समीक्षा बैठक में मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अरविंद कुमार वैश्य सहित समस्त वेटेनरी ऑफिसर उपस्थित थे।

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