भारत कृषि प्रधान देश है भारत में गेहूं धान मक्का ज्वार बाजरा सरसों मूंगफली सिंग दाना कपास तमाम तरह के खेती किए जाते हैं लेकिन उत्तर प्रदेश में खास तौर पर सरसों की खेती पहले की जाती थी जिस वजह से उत्तर प्रदेश में सरसों तेल की कमी नहीं होती थी लेकिन बदलते समय में उत्तर प्रदेश के किसान सरसों की खेती नहीं कर रहे हैं जिससे जो किसान सरसो के तेल से ताला हुआ सब्जी पूरी अन्य चीज खाते थे आज वह नहीं, खापा रहे है, हानिकारक तेल जो बाजार में उपलब्ध है उसको खाकर बीमार हो रहे हैं लेकिन उत्तर प्रदेश में कुछ ऐसे भी किसान है जो सरसों की खेती कर साल के 10 से 1500000 रुपए कमा लेते हैं क्योंकि बदलते समय में सरसों की कीमत भी बढ़ गई है 1 लीटर सरसों की तेल का कीमत ₹200 हो गया है 1 किलो सरसों की कीमत 80 से ₹90 है फिर भी किसान इसके महत्व को क्यों नहीं समझ रहे हैं ।
अगर कोई किसान सरसो की खेती 5 एकड़ में करता है तो उसकी सालाना इनकम 1000000 से 3000000 तक के बीच में हो सकता है लेकिन उन्नत बीज उन्नत तरीका से करे तो नीचे आपको इस लेख में बताएंगे सरसों की कौन सी बीज से अच्छा पैदावार होती है ।
सरसों की उत्तम क्वालिटी भराईटी बीच Best quality stuffing of mustard seeds
मार्केट में सरसों की अनेकों प्रजाति मौजूद है जो किसान इसकी खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं आप भी इन प्रजाति के सरसो की खेत कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं निचे जानते हैं कौन कौन सी प्रजाति सबसे उत्तम है
सरसों की प्रजाति species of mustard
मुख्य तौर पर ज्यादातर किसान 3 प्रजाति के सरसों की बुवाई करते हैं पहला जिसमें जवाहर सरसों दूसरा पीला सरसो तीसरा राज विजय सरसो , इन प्रजाति के सरसों में बीमारियां कम लगती है और पैदावार ज्यादा होता है जिससे उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश के किसान इन प्रजाति की सरसों की बुवाई करते हैं, सरसों में ज्यादातर यह रोग लगते हैं सरसों की ग्रोथ रूक जाएगी दूसरा सरसों पीला पड़ने लगता है तीसरा सरसों के पौधे में बिल्कुल जान नहीं रहती है इन सभी बीमारियों से निपटने के लिए आपको यूरिया खाद की पर्याप्त मात्रा में छिड़काव करनी चाहिए, सरसों की फसल रबी फसल गेहूं में भी बोया जाता है कुछ किसान केवल सरसों बोते हैं जिसका पैदावार अच्छा होता है,
सरसों की बुवाई किस महीने में की जाती है Mustard is sown in which month
सरसों की फसल के लिए ठंडा मौसम उपयोग होता है इसी वजह से सरसों की खेती अक्टूबर से नवंबर महीने के बीच में की जाती है सरसों की खेती के लिए बलुई मिट्टी काफी अच्छा माना जाता है किसान गेहूं के फसल में सरसों की खेती करते हैं कुछ किसान मक्की की फसल में सरसों बोते हैं जिससे पैदावार थोड़ी सी कम होती है अगर आप चाहते हैं पैदावार ज्यादा उपज करना तो सरसों की खेती में कुछ नहीं डालें केवल सरसों ही रहने दें ।
सरसों की सिंचाई कैसे करें How to irrigate mustard
सरसों तिलहन फसल है जिससे तेल निकलता है जिन्हें पानी की भी जरूरत पड़ती है उत्तर प्रदेश और बिहार में सरसों की फसल की सिंचाई के लिए कुछ खास पानी की जरूरत नहीं होती है जब सरसों 20 से 25 दिन का हो जाता है तब एक बार हल्के पानी से सिंचाई करनी चाहिए उसके बाद सरसों की फसल जब घुटनों तक आ जाए तब एक बार उसकी हल्के पानी से सिंचाई करनी चाहिए सरसों की खेती करते समय डाई घाद खेत में जरूर डालें अगर गोबर की खाद हो तो पैदावार और भी बढ़ जाएगा सरसों की सिंचाई करने के 5 दिन बाद पर्याप्त मात्रा में यूरिया की छिड़काव करें ।
जिससे सरसों की फसल अच्छी होगी ।
सरसों की खेती से किसान कितना पैसा कमा सकता है। How much money a farmer can earn from mustard cultivation.
सरसों की खेती से किसान एक सीजन में करोड़ों रुपया कमा सकता है लेकिन उसकी मेहनत और कितना एकड़ खेत में व सरसों की बुवाई कर रहा है इस पर निर्भर करता है कुछ रिपोर्ट के माने तो एक कट्टा खेत मे 30 से 70 किलो सरसों की पैदावार होती है 1 किलो सरसों की कीमत ₹90 से लेकर ₹120 तक है सरसों की तेल की बात करें तो ₹200 प्रति लीटर बिकता है अगर आप एक सीजन में 10 कुंटल सरसों की पैदावार करते हैं तो आप आप मात्र 3 महीने में 1000000 रुपए कमा सकते हैं क्योंकि सरसों की फसल 3 महीना में तैयार हो जाती है फरवरी महीने में सरसों की फसल की कटाई की जाती है ।
सरसों की खेती करने से संबंधित अधिक जानकारी के लिए आप कृषि अधिकारी या अच्छी फार्मर से भी संपर्क कर खेती कर सकते हैं