ऑपरेशन के बाद महिला की मौत से देवरिया का निजी अस्पताल सील, परिजनों ने किया हंगामा—स्वास्थ्य विभाग ने की कार्रवाई

देवरिया। भिंगारी बाजार स्थित एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन के बाद बिहार की एक महिला की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को मंगलवार को सील कर दिया। वहीं पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

मृतका की पहचान रीमा यादव (26 वर्ष) निवासी गोपालगंज (बिहार) के रूप में हुई है, जो देवेन्द्र यादव की पत्नी थीं। परिजनों के अनुसार, रीमा को तबीयत खराब होने पर 30 नवंबर को भिंगारी बाजार स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन किया।

ऑपरेशन के बाद बिगड़ी रीमा की तबीयत, परिवार ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया

परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के तुरंत बाद ही रीमा की हालत सामान्य नहीं थी। उन्होंने बताया कि महिला की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही थी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन इसे “सामान्य कमजोरी” बताता रहा और समय रहते उचित इलाज नहीं किया गया। परिवार का कहना है कि न तो किसी विशेषज्ञ डॉक्टर को बुलाया गया और न ही महिला को किसी बड़े अस्पताल में रेफर किया गया।

परिजनों के अनुसार, मंगलवार की सुबह रीमा की हालत बेहद नाजुक हो गई और उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। मौत की सूचना मिलते ही परिजन भड़क उठे और अस्पताल परिसर में भारी हंगामा शुरू कर दिया। उनका आरोप है कि महिला की मौत होते ही अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी मौके से फरार हो गए।

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति संभाली, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा

सूचना मिलते ही खामपार पुलिस टीम मौके पर पहुंची और आक्रोशित परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया। पुलिस ने स्थिति नियंत्रण में करने के बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग की जांच में कई अनियमितताएं उजागर, अस्पताल सील

महिला की मौत की जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम दोपहर में अस्पताल पहुंची। प्रारंभिक जांच में कई अनियमितताओं का पता चला। टीम की रिपोर्ट के आधार पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) के निर्देश पर अस्पताल को सील कर दिया गया। विभाग ने अस्पताल प्रबंधन और संबंधित चिकित्सकों के खिलाफ नियमों के अनुसार कार्रवाई शुरू कर दी है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल में लंबे समय से मेडिकल मानकों का पालन नहीं किया जा रहा था, लेकिन ठोस कार्रवाई अब जाकर हुई। वहीं परिजन अस्पताल प्रबंधन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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