उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में एक दलित दंपत्ति ने अपने हक की लड़ाई में ऐसा सनसनीखेज कदम उठाया, जिससे प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। खुखुन्दू थाना क्षेत्र के पतलापुर गांव में भूमि विवाद से परेशान होकर एक बुजुर्ग पति-पत्नी ने खुद को ‘जिंदा समाधि’ देने का प्रयास किया।

जैसे ही गांव में इस घटना की जानकारी फैली, ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस और प्रशासन को सूचित किया। सूचना मिलते ही खुखुन्दू थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर समय रहते बुजुर्ग दंपत्ति की जान बचा ली। उनके साथ नायब तहसीलदार और हल्का लेखपाल की टीम भी मौके पर पहुंची और पूरी स्थिति का जायजा लिया।
मामला नवीन परती जमीन से जुड़ा है, जिस पर फिलहाल चार लोगों के कब्जे की बात सामने आ रही है। दलित परिवार का दावा है कि उक्त जमीन उनके हिस्से की है, लेकिन वर्षों से उन्हें उनका हक नहीं मिल पा रहा। उन्होंने कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला।
समाधि लेने वाली महिला ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हम कई सालों से अपनी जमीन के लिए न्याय मांग रहे हैं। अधिकारी सिर्फ भरोसा देते हैं, लेकिन जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। हमारी बात को लगातार नजरअंदाज किया गया, इसलिए हमें यह कदम उठाना पड़ा।”
घटना के बाद प्रशासन हरकत में आया और अधिकारियों ने मौके पर ही जांच के आदेश दिए। हल्का लेखपाल ने भूमि का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करने की बात कही है।
यह घटना स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि जब हाशिए पर खड़े लोगों की आवाज को बार-बार अनसुना किया जाता है, तो वे सिस्टम से निराश होकर लोग प्रशान हो जाते हैं। यह सिर्फ एक जमीन का मामला नहीं, बल्कि न्याय और अधिकार के लिए एक संघर्ष की कहानी है।
प्रशासन को इस पूरे मामले में तत्काल और पारदर्शी कार्रवाई करनी होगी, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।