उत्तर प्रदेश में बुनियादी ढांचे के विकास को गति देने के लिए राज्य सरकार लगातार नई योजनाओं पर काम कर रही है। इसी क्रम में एक नई परियोजना के तहत बुलंदशहर होते हुए नोएडा और जेवर एयरपोर्ट को प्रयागराज गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए एक लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। यह परियोजना न केवल प्रदेश की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी, बल्कि औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा देगी।

क्या है इस एक्सप्रेसवे की विशेषता?
यह प्रस्तावित लिंक एक्सप्रेसवे करीब 76 किलोमीटर लंबा होगा और इसका निर्माण ग्रीनफील्ड तकनीक से किया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे का मुख्य उद्देश्य जेवर एयरपोर्ट को सीधा गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ना है, जिससे नोएडा, बुलंदशहर और आसपास के इलाकों के यात्रियों को प्रयागराज और अन्य बड़े शहरों तक पहुंचने में सुविधा होगी।
इस परियोजना की अनुमानित लागत 4,415 करोड़ रुपये रखी गई है। सरकार ने इसके लिए 1,000 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। यह एक्सप्रेसवे यमुना एक्सप्रेसवे के 24.8 किलोमीटर बिंदु से शुरू होकर गंगा एक्सप्रेसवे तक पहुंचेगा। इससे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट सीधे आगरा, लखनऊ और प्रयागराज से जुड़ जाएगा।
क्या होंगे इस एक्सप्रेसवे के फायदे?
- तेजी से सफर होगा आसान: इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से दिल्ली-एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पूर्वी उत्तर प्रदेश के बीच यात्रा करने वालों को काफी सहूलियत मिलेगी।
- व्यापार और उद्योग को बढ़ावा: एक्सप्रेसवे के दोनों ओर औद्योगिक गलियारा विकसित किया जाएगा, जिससे प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।
- समय और ईंधन की बचत: यह नया मार्ग समय और ईंधन की बचत करेगा, जिससे व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
- जेवर एयरपोर्ट को सीधा फायदा: इस परियोजना से जेवर एयरपोर्ट की उपयोगिता बढ़ेगी और अधिक लोग इस एयरपोर्ट से यात्रा कर पाएंगे।
औद्योगिक गलियारे का भी होगा विकास
इस एक्सप्रेसवे के दोनों ओर औद्योगिक गलियारा विकसित करने की योजना है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल, लॉजिस्टिक्स और अन्य उद्योगों के लिए जगह दी जाएगी। यह नया कॉरिडोर जेवर एयरपोर्ट, चोला रेलवे स्टेशन और गंगा-यमुना एक्सप्रेसवे के पास होगा, जिससे उद्योगों को बेहतर ट्रांसपोर्ट सुविधा मिलेगी।
भूमि अधिग्रहण और निर्माण की योजना
इस परियोजना के लिए करीब 1,000 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जाएगी। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने योजना बनाई है कि भूमि अधिग्रहण का कार्य अगले तीन महीनों में पूरा किया जाए। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी और निर्माण कार्य के लिए कंपनियों का चयन किया जाएगा।
अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाएं भी होंगी शामिल
इस लिंक एक्सप्रेसवे के साथ-साथ उत्तर प्रदेश सरकार कुछ और बड़ी सड़क परियोजनाओं पर भी काम कर रही है। बुंदेलखंड और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर बढ़ते ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए वहां 12 नए ई-वे हब बनाए जाएंगे। इनमें बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर 4 और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर 8 हब होंगे। इसके लिए सरकार ने कुल 216 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है।
इसके अलावा, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के सुदृढ़ीकरण के लिए 800 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई है, जिससे इस प्रमुख मार्ग की क्षमता और गुणवत्ता में सुधार किया जा सके।