Deoria News: देवरिया का राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय: सुविधाओं की कमी के बावजूद मरीजों की पहली पसंद


उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। बड़ी रकम खर्च कर लोगों को प्रेरित किया जा रहा है कि वे भारतीय परंपरागत चिकित्सा प्रणाली को अपनाएं। आयुर्वेद को बीमारियों के इलाज का एक प्रभावी माध्यम बताया जा रहा है। इसी के तहत राज्य सरकार ने सभी जिलों में आयुर्वेदिक चिकित्सालय स्थापित किए हैं।

देवरिया जनपद में भी कई आयुर्वेदिक चिकित्सालय संचालित हैं। इन्हीं में से एक, जिला मुख्यालय के नजदीक खोराराम रोड पर चटनी गड़ही के पास स्थित 25-बेड वाला राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय, मरीजों के इलाज और आयुर्वेदिक चिकित्सा के लिए जाना जाता है। हालांकि, यह चिकित्सालय अपनी स्थापना से अब तक अस्थाई प्राइवेट भवन में संचालित हो रहा है, जिससे कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।

अस्थाई भवन में संचालन से समस्याएं


चिकित्सालय प्राइवेट भवन में होने के कारण मरीजों और चिकित्सकों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। न तो भवन के आसपास अच्छी सड़क है, न ही इसे ढूंढने में आम लोगों को आसानी होती है। पर्याप्त जगह न होने की वजह से चिकित्सालय में जीवन रक्षक आयुर्वेदिक दवाएं खराब हो रही हैं। दवाइयों को मरीजों के लिए बनाए गए बेड पर ही रखना पड़ता है, जिससे व्यवस्थाओं में अव्यवस्था दिखती है।

आयुर्वेदिक चिकित्सा पर बढ़ता भरोसा


चिकित्सालय में प्रतिदिन सैकड़ों मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इनमें देवरिया जिले के अलग-अलग हिस्सों के अलावा पड़ोसी राज्य बिहार से भी मरीज आते हैं। यहां के चिकित्सकों के अनुसार, आयुर्वेदिक चिकित्सा से मरीजों को बेहतर इलाज मिलता है और वे स्वस्थ होकर घर लौटते हैं। खास बात यह है कि यह सभी इलाज और दवाएं निशुल्क उपलब्ध कराई जाती हैं।

मरीजों और उनके परिजनों का अनुभव


इलाज कराने आए मरीज और उनके परिजन इस आयुर्वेदिक चिकित्सालय की सेवाओं से संतुष्ट हैं। रितेश पटेल, जो अपने पिताजी का इलाज यहां करवा रहे हैं, बताते हैं कि आयुर्वेदिक इलाज के चलते उनके पिताजी की तबीयत में काफी सुधार आया है। हालांकि, वे यह भी कहते हैं कि अस्पताल तक पहुंचने में बहुत परेशानी होती है। बेहतर स्थान पर और सरकारी भवन में अस्पताल होने से यह जिले के सबसे अच्छे आयुर्वेदिक अस्पतालों में गिना जा सकता था।

आवश्यक सुधार की मांग


यह आयुर्वेदिक चिकित्सालय प्रबंधन, मरीजों और आम जनता के विश्वास का केंद्र बन चुका है। इसके बावजूद, सुविधाओं की कमी और अस्थाई भवन में संचालन से अस्पताल के विकास में बाधा आ रही है। अगर इसे एक स्थायी सरकारी भवन में स्थानांतरित किया जाए और सड़क तथा अन्य बुनियादी सुविधाएं बेहतर की जाएं, तो यह अस्पताल न केवल देवरिया बल्कि पूरे पूर्वांचल का एक प्रमुख आयुर्वेदिक केंद्र बन सकता है।


उत्तर प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग को इस चिकित्सालय की स्थिति पर तत्काल ध्यान देना चाहिए। आयुर्वेदिक चिकित्सा को बढ़ावा देने की सरकारी योजनाओं को साकार रूप देने के लिए जरूरी है कि ऐसे अस्पतालों को पर्याप्त संसाधन और सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। देवरिया के राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय का सुधार न केवल स्थानीय जनता बल्कि आसपास के इलाकों के लिए भी स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा योगदान साबित होगा।

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