भारत के इस जगह पर 21 जून को दोपहर 12:00 किसी का नहीं बनता है परछाई, आखिर क्यों

भारत के कुछ हिस्सों में 21 जून को एक अनोखी घटना घटित होती है, जिसे देखना बेहद रोमांचक और वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन दोपहर 12:00 बजे के आसपास कुछ स्थानों पर लोगों की परछाई नहीं बनती है। आइए जानते हैं कि यह चमत्कार क्यों और कैसे होता है।

21 जून को क्या होता है विशेष?

21 जून को ग्रीष्म संक्रांति (Summer Solstice) का दिन होता है, जिसे हिंदी में ग्रीष्म ऋतु का आरंभ भी कहा जाता है। इस दिन सूर्य पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा (Tropic of Cancer) के बिल्कुल ऊपर होता है। यह दिन साल का सबसे लंबा दिन होता है और रात सबसे छोटी होती है।

कर्क रेखा पर विशेष घटना

भारत में कर्क रेखा जो कि 23.5 डिग्री उत्तर अक्षांश पर स्थित है, कुछ राज्यों से होकर गुजरती है। जब सूर्य कर्क रेखा के बिल्कुल ऊपर होता है, तो उसकी किरणें सीधे नीचे गिरती हैं, जिससे किसी भी वस्तु या व्यक्ति की परछाई नहीं बनती। यह घटना कर्क रेखा के साथ जुड़े स्थानों जैसे गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और मिजोरम में होती है।

क्यों नहीं बनती परछाई?

जब सूर्य कर्क रेखा के ऊपर होता है, तो उसकी किरणें सीधे जमीन पर पड़ती हैं, जिससे किरणों का कोण 90 डिग्री हो जाता है। इस स्थिति में किसी भी वस्तु या व्यक्ति की परछाई उनके नीचे छिप जाती है। इस घटना को “जीरो शैडो डे” (Zero Shadow Day) कहा जाता है।

वैज्ञानिक महत्व

यह घटना वैज्ञानिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। इससे हमें यह समझने में मदद मिलती है कि पृथ्वी कैसे अपनी धुरी पर झुकी हुई है और सूर्य की स्थिति हमारे ग्रह पर कैसे विभिन्न मौसमी बदलाव लाती है। यह घटना न केवल सामान्य जनमानस के लिए रोचक है बल्कि खगोल विज्ञान के छात्रों और वैज्ञानिकों के लिए भी अध्ययन का एक महत्वपूर्ण विषय है।

कैसे देखें यह घटना?

यदि आप इस अद्वितीय घटना को देखना चाहते हैं, तो आपको उन स्थानों पर जाना होगा जहां कर्क रेखा गुजरती है। 21 जून को दोपहर 12:00 बजे के आसपास आप अपने आस-पास के किसी खुले स्थान पर जाकर खड़े हो सकते हैं। उस समय आप देखेंगे कि आपकी परछाई नहीं बनेगी, जो इस घटना की पुष्टि करेगी।

भविष्य के लिए संदेश

इस प्रकार की घटनाएं हमें यह याद दिलाती हैं कि हमारा ग्रह कितना अनोखा और जटिल है। यह घटना पृथ्वी और सूर्य के बीच के संबंध को दर्शाती है और हमें प्रकृति के वैज्ञानिक नियमों को समझने का मौका देती है।

भारत में 21 जून को दोपहर 12:00 बजे परछाई का न बनना न केवल एक अद्भुत प्राकृतिक घटना है, बल्कि यह हमारे पर्यावरण और खगोल विज्ञान के अध्ययन के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस घटना को देखकर हम अपने ब्रह्मांड की गहराईयों को और अधिक समझ सकते हैं।

निष्कर्ष

हर साल 21 जून को यह घटना हमें याद दिलाती है कि हमारा ब्रह्मांड कितना अद्भुत और रोचक है। इसे देखकर न केवल हमारा ज्ञान बढ़ता है बल्कि हमें यह भी समझने में मदद मिलती है कि कैसे प्रकृति अपने नियमों का पालन करती है। अगर आपने अभी तक इस घटना को नहीं देखा है, तो अगले 21 जून को इसे अवश्य देखने का प्रयास करें और इस अनोखी प्राकृतिक घटना का आनंद लें।

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