मुस्लिम समाज में क्यों होती है लड़कियों की खतना । चॉकलेट के बहाने नाबालिक लड़की की हुई खतना

दुनिया में जितने धर्म है उनके अलग-अलग रीति रिवाज है जिसमें से एक मुस्लिम समाज मैं खतना का प्रथा चली आ रहा है आपने पुरुषों की खतना की बात तो सुना होगा यह आपका भी खतना हुआ होगा जिसमें असहनीय दर्द होता है ।

पुरुषों की खतना तो ठीक है लेकिन लड़कियों की भी खतना होती है जो लड़कियों के लिए एक नया जीवन से कम नहीं होता है।

खतना क्यों होती है

खतना मुस्लिम धर्म में पवित्र माना जाता है यहूदियों और मुसलमानों में एक धार्मिक प्रथा होता है इसमें लड़का के पैदा होने के कुछ दिन बाद ही खतना किया जाता है खतना में लड़के के लिंग के आगे जो चमड़ी होती है उसको काट दिया जाता है । कुछ लोगों का मानना है कि लिंग के आगे चमड़ी काटने से संक्रमण नहीं फैलती है

क्यों की जाती है महिलाओं का खतना क्या ? है धार्मिक मान्यता ?

दैनिक भास्कर के अनुसार एक महिला ने अपने नाम ना छापने की शर्त पर बताई की हम लोग माइग्रेट होकर यमन से भारत आए यमन में 500 सालों से ज्यादा समय से महिलाओं का खतना हो रहा है इसीलिए आज भी हमारी औरतों का खतना होता है रिलिजन आफ फेंथ कह सकते और महिलाओं की खतना करने से पवित्रता बनी रहती है जिन लड़कियों का खतना होता है वह अपनी पवित्रता बनाए रखती हैं और अब सेक्सुअल पर उनका ध्यान नहीं जाता है ।
महिला ने बताया मेरा तो सीधा सवाल है कि अगर पुरुषों का खतना हो सकता है तो महिलाओं का क्यों नहीं हो सकता इसका मतलब केवल हाइजीन और प्याेरिटी से है जो लोग इसे सेक्सुअल डिजायर से जोड़ रहे हैं

कैसे होती है महिलाओं की खतना

महिलाओं का खतना काफी पीड़ादायक होता है गुजरात के लारा अस्पताल की
गायनेकोलांजिस्ट डॉ सुजीत वाली कहते हैं कि आमतौर पर घर की दादी या मां बच्ची को घुमाने के नाम पर घर से बाहर ले जाती हैं वहां एक कमरे में पहले से दो लोग मौजूद होते हैं वे लोग बच्ची के दोनों पैर पकड़ लेते हैं और धारदार चाकू या रेजर ब्लेड या कैची से एक ही काट दिया जाता है क्लिटोरिस हुड को अलग करदिया जाता है

डॉ सुजीत वाली कहते हैं कि आमतौर पर खतना परिवार की कमेटी की बुजुर्ग महिला करती है कई मामले में पुरुष भी महिलाओं का खतना करते हैं आजकल कई लोग मेडिकल एक्सपोर्ट की देखरेख में खतना करवाते हैं

महिलाओं की खतना की क्या उम्र होती है

डॉ सुजीत वाली के मुताबिक महिलाओं में खतना के लिए कोई उम्र तय नहीं है ज्यादातर मामले में 6 से 14 साल की उम्र में खतना की जाती है कई जगहों पर तो जन्म के तुरंत बाद ही खतना कर दिया जाता है जबकि कुछ जगह पर प्रेगनेंसी के दौरान पहले बच्चे के जन्म के बाद महिला का खतना किया जाता है

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