राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में सोने का विशाल भंडार पाया गया है, जिसके खनन के बाद रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। आचार संहिता हटने के बाद 5 जून को यह तय होगा कि कौन सी कंपनी सोने का खनन करेगी। कर्नाटक, रतलाम, उदयपुर, अहमदाबाद और छत्तीसगढ़ की पांच कंपनियों ने खनन के लिए आवेदन किया है। खनन से न केवल बांसवाड़ा, बल्कि पूरे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिलेगा।
स्वर्ण खनन का महत्व और संभावनाएं
बांसवाड़ा में स्वर्ण खनन शुरू होने से यह देश के चुनिंदा स्वर्ण खनन जिलों में शामिल हो जाएगा। यहां के रेत में छोटे-छोटे सोने के कण मिलेंगे, जिससे निकालने की लागत कम होगी। अनुमान है कि देश में स्वर्ण खनन में बांसवाड़ा की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत होगी। खनन प्रक्रिया में कई प्रकार की औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
खनन प्रक्रिया और तैयारी
खनन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, खनन कंपनी का नाम तय होने के बाद कई प्रकार के एनओसी और कागजात तैयार करने में दो साल का समय लगेगा। इसके बाद खनन विधि, जैसे टनल बनाना या कुएं के जरिए खनन करना, तय की जाएगी। रिफाइनरी लगाने और अन्य व्यवस्थाओं में करीब पांच साल का समय लगेगा।
मुख्यमंत्री के निर्देश और ऑक्शन प्रक्रिया
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 11 जनवरी को बांसवाड़ा में स्वर्ण खनन के लिए सभी तैयारियों के निर्देश दिए थे। बांसवाड़ा के भूकिया के दो ब्लॉक का ऑक्शन किया गया, लेकिन आचार संहिता के कारण कंपनी का नाम घोषित नहीं किया गया। आचार संहिता हटने के बाद नाम की घोषणा की जाएगी।
नए रोजगार के अवसर
स्वर्ण अयस्क से निकलने वाले तांबा, निकल और कोबाल्ट जैसे खनिजों से इलेक्ट्रोनिक, पेट्रोलियम, पेट्रोकेमिकल, बैटरी और एयर बैग जैसे उद्योगों में नए निवेश और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इससे न केवल बांसवाड़ा बल्कि पूरे राजस्थान में आर्थिक समृद्धि आएगी।
भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण और अनुमान
1990-91 में भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग ने बांसवाड़ा का सर्वे किया था, जिसमें स्वर्ण के संकेत मिले थे। व्यापक अन्वेषण के बाद 114.76 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क का प्रारंभिक अनुमान लगाया गया है, जिसमें 222.39 टन सोने की मात्रा है। साथ ही, 1 लाख 74 हजार टन से अधिक तांबा, 9700 टन से अधिक निकल और 13500 टन से अधिक कोबाल्ट खनिज प्राप्त होने का अनुमान है।
बांसवाड़ा में सोने का खनन शुरू होने से राज्य की अर्थव्यवस्था में बड़ा परिवर्तन आएगा और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। यह परियोजना न केवल बांसवाड़ा बल्कि पूरे राजस्थान के लिए आर्थिक समृद्धि का एक महत्वपूर्ण स्रोत बनेगी। 5 जून के बाद इस महत्वपूर्ण परियोजना का बड़ा ऐलान होगा, जिससे बांसवाड़ा देश के प्रमुख स्वर्ण खनन जिलों में शामिल हो जाएगा।