कानपुर में मृतक व्यक्ति के साथ गुजारी 17 महीने कैसे
दुनिया में अपने अजीबोगरीब चमत्कार देखा होगा लेकिन उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है जो पूरी दुनिया के डॉक्टरों वैज्ञानिक को हिला कर रख दिया है आमतौर पर इंसान के मरने के 3 से 4 दिनों के बाद शरीर में कीड़े लग जाते हैं और बदबू आने लगता है लेकिन उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक ऐसे मामले सामने आए हैं जिसे जानकर पूरी दुनिया के डॉक्टर और वैज्ञानिक भी हैरान हैं कोरोनावायरस से मरने के बाद घर वालों ने शव को कैसे रखा 17 महीने तक सुरक्षित डॉक्टरों का मानना है कि अधिकतम 5 दिन के बाद शरीर से दुर्गंध आने लगती है लेकिन 17 महीने तक कैसे मृतक व्यक्ति के शरीर से दुर्गंध तक नहीं आई ।
लाश के साथ जिंदगी गुजारने की पूरी मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर का है अंधविश्वास को लेकर एक परिवार के 10 लोगों ने 17 महीने तक गुजार दी एक मृतक के साथ घरवालों को उम्मीद था कि विमलेश कोमा में चला गया है वह जल्द ही ठीक हो जाएगा मृतक विमलेश आयकर विभाग में नौकरी करते थे
ताज्जुब की बात यह है कि 2021 में कोरोनावायरस से पीड़ित होने के बाद इन्हें मोती अस्पताल में भर्ती कराया गया था 2 दिन के बाद विमलेश की मौत हो गई अस्पताल से मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया लेकिन परिवार ने उसको मृत्यु नहीं माना और अंतिम संस्कार नहीं किया परिवार वालों को लगता था कि विमलेश का धड़कन चल रहा है और कोमा में चला गया है जल्द ही जीवित होकर बैठ जाएगा पत्नी बैंक में नौकरी करती थी सुबह शव के साथ बैठकर मृतक पति से बात करती थी मैं शाम को जल्दी आ जाऊंगी आप कुछ खाते पीते नहीं है मृतक विमलेश के एक लड़की और एक लड़का जो प्रतिदिन पिता के शव के पास खेलते थे और भगवान का पूजा करते थे कि मेरे पापा को जल्द ठीक करें और मोहल्ले के आसपास के लोगों को इस बारे में कुछ नहीं पता था
लेकिन पूरी दुनिया के डॉक्टर और वैज्ञानिकों यह चीज हैरत में डाल रही है कि मरने के 17 महीने के बाद भी कैसे शरीर से दुर्गंध नहीं आई 17 महीने से नौकरी पर ना जाने के बाद टीम गठित कर विमलेश के घर आयकर विभाग के द्वारा भेजा गया लेकिन घर वाले उन्हें घर में जाने से रोकने लगे सीएमओ के प्रयास से स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची तो टीम ने भी पुष्टि किया शरीर से कोई दुर्गंध नहीं आ रही है जिस संबंध में पूरी दुनिया के डॉक्टर भी चौक गए हैं बिना किसी केमिकल लेब के इतने दिन तक शव को नहीं रखा जा सकता डॉक्टरों का कहना है 17 महीने में मांस गल जाएगा केवल हड्डी ही बचेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ है मांस हड्डी में चिपक गई थी लेकिन दुर्गंध नहीं आ रहा था डॉक्टरों का कहना है कि इस दुर्गंध को छुपाने के लिए केमिकल का लेप किया गया होगा लेकिन केमिकल लगाने की बात से घरवाले इंकार कर रहे हैं पुलिस के प्रयास से शव का अंतिम संस्कार किया गया