कच्ची रेत से चमकते शीशे तक का सफर: आखिर शीशा कैसे बनाया जाता है? एक अद्भुत वैज्ञानिक कहानी

क्या आपने कभी रोज़ाना इस्तेमाल होने वाले शीशे को गौर से देखा है? घर की खिड़कियों से लेकर कार की विंडो, मोबाइल स्क्रीन, ट्रेन–प्लेन की मजबूत कांच की शीट, यहां तक कि दर्पण तक—हर जगह शीशा हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह पारदर्शी, चिकना और मजबूत शीशा आखिर बनता कैसे है? इसका जवाब विज्ञान और तकनीक से भरी एक बेहद रोचक प्रक्रिया में छिपा है।

शीशा बनाने की शुरुआत सिलिका रेत (Quartz Sand) से होती है। यह वही सफेद रेत होती है जो समुद्र तटों या चट्टानों से मिलती है। इस रेत में सिलिकॉन डाइऑक्साइड की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जो कांच बनाने का मुख्य घटक है। इसके साथ सोडा ऐश (Sodium Carbonate) और लाइमस्टोन (Calcium Carbonate) मिलाया जाता है, ताकि रेत जल्दी पिघले और शीशा मजबूत बने।

इसके बाद इस मिश्रण को 1600 डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया जाता है। इतनी ज्यादा गर्मी में यह मिश्रण पिघलकर एक गाढ़े तरल में बदल जाता है—कुछ वैसा ही जैसे लावा बहता है! यही पिघला हुआ कांच आगे चलकर खिड़की, शीशा या बोतल के रूप में तैयार होता है।

पिघले हुए कांच को अब आकार देने की बारी आती है। अगर खिड़कियों के लिए शीट बनानी हो तो इसे फ़्लोट ग्लास तकनीक से टिन की सतह पर बहाया जाता है। इससे शीशा बिल्कुल सपाट, चिकना और समान मोटाई वाला बन जाता है। यही तकनीक आज दुनिया में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होती है।

वहीं बोतल, ग्लास या सजावटी सामान बनाने के लिए इस पिघले कांच को मोल्ड में डालकर उसका आकार तैयार किया जाता है। कुछ महंगे ग्लास तो कारीगर अपने हाथों से फूंक मारकर बनाते हैं—जिसे ब्लो ग्लासिंग कला कहा जाता है।

अंत में शीशे को अचानक ठंडा नहीं किया जाता। उसे धीरे-धीरे ठंडा किया जाता है जिसे ऐनिलिंग (Annealing) कहते हैं। इससे शीशा फटता नहीं और उसकी मजबूती भी बढ़ जाती है।
अगर और ज्यादा मजबूत शीशा चाहिए, जैसे कार की विंडस्क्रीन या ट्रेन–प्लेन की खिड़कियां, तो इसे टेम्पर्ड ग्लास बनाया जाता है—जो साधारण शीशे से कई गुना अधिक मजबूत होता है।

आज का आधुनिक शीशा सिर्फ पारदर्शी नहीं, बल्कि सुरक्षित, टिकाऊ और खूबसूरत भी होता है। UV-प्रूफ, स्क्रैच-रेसिस्टेंट, बुलेट-प्रूफ, स्मार्ट ग्लास जैसे कई प्रकार के शीशे लगातार विकसित हो रहे हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि कांच सिर्फ एक चीज नहीं है, बल्कि विज्ञान, कला और तकनीक का शानदार संयोजन है।

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