प्रयागराज एयरपोर्ट, जो कभी महाकुंभ के दौरान देशभर के यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण हब बना था, अब उड़ानों के अभाव में सूना पड़ा है। नया टर्मिनल बनने के बावजूद पिछले एक महीने से यहां से कोई भी उड़ान संचालित नहीं हो रही है। इससे न केवल स्थानीय यात्रियों को असुविधा हो रही है, बल्कि व्यापार और पर्यटन पर भी असर पड़ रहा है।

महाकुंभ के दौरान हवाई सेवाओं का विस्तार
महाकुंभ 2025 के मद्देनजर प्रयागराज एयरपोर्ट को विशेष रूप से विकसित किया गया था। देशभर से श्रद्धालुओं की आसान यात्रा सुनिश्चित करने के लिए अहमदाबाद, इंदौर, कोलकाता, चेन्नई और गुवाहाटी सहित कई प्रमुख शहरों के लिए सीधी उड़ानें शुरू की गई थीं। पहली बार यहां रात्रि उड़ानों की भी सुविधा दी गई, जिससे एयरपोर्ट पर 24 घंटे विमानों का संचालन संभव हुआ।
महाकुंभ के बाद उड़ानें ठप
महाकुंभ समाप्त होते ही एयरपोर्ट की रौनक खत्म हो गई। स्पाइसजेट, एयर इंडिया और स्टार एयर जैसी प्रमुख विमानन कंपनियों ने अपनी सेवाएं बंद कर दीं। इसका परिणाम यह हुआ कि प्रयागराज से दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु को छोड़कर अन्य बड़े शहरों के लिए सीधी उड़ानें बंद हो गईं। इससे यात्रियों को अब वाराणसी या लखनऊ जैसे नजदीकी हवाई अड्डों पर निर्भर रहना पड़ रहा है।
नया टर्मिनल बनकर तैयार, लेकिन बेकार पड़ा
प्रयागराज एयरपोर्ट का नया टर्मिनल अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। यह टर्मिनल 15 विमानों की पार्किंग क्षमता के साथ बनाया गया है, जिससे हवाई यातायात को बेहतर बनाने की योजना थी। लेकिन उड़ानों के अभाव में यह टर्मिनल यात्रियों की प्रतीक्षा में खाली पड़ा है।
यात्रियों की बढ़ी परेशानी
उड़ानों के रद्द होने के कारण शहर के व्यापारियों, नौकरीपेशा लोगों और छात्रों को सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है। उन्हें अन्य शहरों की यात्रा के लिए ट्रेन या सड़क मार्ग पर निर्भर रहना पड़ रहा है, जिससे समय और पैसे दोनों की बर्बादी हो रही है।
प्रशासन और विमानन कंपनियों से उम्मीदें
यात्रियों को उम्मीद है कि प्रशासन और विमानन कंपनियां जल्द ही उड़ानों का संचालन फिर से शुरू करेंगी। प्रयागराज जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाले शहर में हवाई कनेक्टिविटी का मजबूत होना आवश्यक है। अगर जल्द ही उड़ानों को बहाल नहीं किया गया, तो यह न केवल यात्रियों बल्कि पर्यटन और व्यापार के लिए भी बड़ा झटका साबित हो सकता है।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस दिशा में क्या कदम उठाता है और कब तक प्रयागराज एयरपोर्ट को उसकी खोई हुई रौनक वापस मिलती है।