भारत और पाकिस्तान दोनों ही दक्षिण एशिया के परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं। दोनों देशों के बीच लंबे समय से राजनीतिक और सैन्य तनाव बना रहता है, ऐसे में यह जानना जरूरी है कि कौन सा देश परमाणु हथियारों के मामले में कितना सक्षम है। हाल के अंतरराष्ट्रीय रक्षा और परमाणु विश्लेषणों के मुताबिक, परमाणु बमों की संख्या के लिहाज से पाकिस्तान इस समय भारत से थोड़ा आगे है।

परमाणु हथियारों की अनुमानित संख्या की बात करें तो
वर्ष 2024 की रिपोर्ट्स के अनुसार भारत के पास लगभग 164 परमाणु हथियार हैं, जबकि पाकिस्तान के पास यह संख्या 170 से 180 के बीच मानी जाती है। यानी पाकिस्तान के पास भारत से 10 से 15 ज्यादा परमाणु बम हैं। हालांकि, संख्या के इस मामूली अंतर का रणनीतिक रूप से बहुत बड़ा महत्व नहीं है, क्योंकि किसी भी परमाणु युद्ध की स्थिति में परिणाम विनाशकारी होंगे।
भारत की परमाणु नीति
भारत ने 1998 में पोखरण परीक्षण के जरिए खुद को औपचारिक रूप से परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित किया था। भारत की परमाणु नीति “No First Use” यानी “पहले प्रयोग नहीं करेंगे” पर आधारित है। इसका अर्थ है कि भारत कभी भी पहले परमाणु हमला नहीं करेगा, लेकिन यदि उस पर परमाणु हमला होता है, तो वह जवाबी कार्रवाई करेगा और दुश्मन को पूरी तरह तबाह कर सकता है।
पाकिस्तान की परमाणु नीति
पाकिस्तान की ओर से अब तक किसी भी प्रकार की ‘No First Use’ नीति की पुष्टि नहीं की गई है। पाकिस्तान ने हमेशा भारत के साथ संभावित पारंपरिक युद्ध के खतरे के चलते परमाणु हथियारों को एक रणनीतिक संतुलन के रूप में देखा है।
तकनीक और डिलीवरी सिस्टम में कौन आगे?
जहां पाकिस्तान के पास थोड़ी अधिक संख्या में परमाणु बम हैं, वहीं भारत तकनीक और डिलीवरी सिस्टम के मामले में आगे है। भारत के पास अग्नि सीरीज की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें, परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम लड़ाकू विमान और परमाणु पनडुब्बियों की क्षमता है। वहीं पाकिस्तान की मिसाइल प्रणाली और परमाणु ले जाने वाले वाहन भारत की तुलना में अभी भी सीमित और विकासशील स्थिति में हैं।