अफीम का नाम आपने सुना होगा आप भी जरूर सोचते होंगे कि अफीम की खेती कैसे किया जाए क्या नियम है सरकार अफीम की खेती पर क्यों रोक लगाती है अफीम की खेती भारत में कहां कहां की जाती है आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताने वाले हैं कि अफीम की खेती कैसे की जाती है अफीम की खेती करने के लिए क्या नियम है क्योंकि अफीम कुछ लोग इसे नशा के रूप में लेते हैं तो वही कंपनियां इसे दवा के रूप में प्रयोग करते हैं क्योंकि अफीम सर्वगुण संपन्न है अफीम से दवा बनाई जाती है जो दवा जिंदगी बचाने में काफी महत्वपूर्ण रोल निभाती हैं इसी वजह से सरकार अफीम की खेती अपनी निगरानी में कुछ किसानों से करवाती है आप कैसे कर सकते हैं अफीम की खेती नीचे जाने
Afeem ki kheti kaise hoti hai अफीम की खेती कैसे होती है
अफीम की खेती एक जटिल प्रक्रिया है जो बेहद सावधानी पूर्व और सरकार के निगरानी में किया जाता है अफीम की खेती के लिए सरकार यह तय करती है कि आपको कहां खेती करना है और कितने एकड़ खेत में आप अफीम की खेती करेंगे अफीम की खेती करने के लिए पहले खेत को तैयार करना बेहद जरूरी होता है खेत में गोबर की खाद कंपोस्ट खाद जो केंचुआ से तैयार होता है और किसान अन्य खाद्य भी डालते हैं जिससे पैदावार अच्छी हो खेत को कम से कम 3 बार जोताई करनी पड़ती है जिसे माटी भुरभुरा हो जाए फिर उसमें खरपतवार जो होते हैं उसे निकालना बेहद जरूरी होता है फिर किसान उसे खेत की सिंचाई करते हैं जिसके बाद खेत काफी उपजाऊ हो जाता है फिर उसकी जुताई कर माटी को भुरभुरा किया जाता है उसके बाद उसमें बीज डालकर खेत की फिर जोताई होती है उसके बाद मिट्टी को बराबर कर दिया जाता है इस तरह से अफीम की बुवाई होती है ।
अफीम की बीज कहां से मिलता है । Where do poppy seeds come from
अफीम के बीज आपको बाजार या किसी कृषि सेवा केंद्र बीज बेचने वाले दुकान पर नहीं मिलता है अफीम की बीज सरकार देती है नारकोटिस विभाग से जो किसान इसकी लाइसेंस लिए हैं उन्हीं को मिलता है ।
अफीम की खेती करने के लिए कैसे मिलता है लाइसेंस How to get license to cultivate opium
अफीम की खेती करने से पहले आपको सरकार से लाइसेंस लेना जरूरी होता है नहीं तो आप अगर एक भी पौधा अफीम के लगा दिए तो आप पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है अफीम की खेती करने के लिए लाइसेंस आपको बहुत आसानी से नहीं मिलेगी लाइसेंस लेने के लिए आपको कड़ी मशक्कत भी करना पड़ेगा क्योंकि सरकार लाइसेंस देने से पहले तमाम जांच करती है जैसे कि आप कहां अफीम की खेती करना चाहते हैं और आप कितने खेत में करना चाहते हैं सभी जानकारी लेने के बाद लाइसेंस वित्त मंत्रालय के तरफ से जारी किया जाता है वह भी कुछ शर्तों के साथ जिसकी पूरी जानकारी आप क्राइम ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स विभाग के आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर शर्तों और पूरी जानकारी देख सकते हैं । खास बात यह है कि अफीम की खेती करने के लिए लाइसेंस सरकार बहुत ज्यादा जारी नहीं करती है पहले से जो लाइसेंस जारी किए हैं अभी वही चल रहा है या कोई किसान सरकार की मानक पूरा नहीं कर रहा है तो उसकी लाइसेंस रद्द कर दी जाती है उस स्थिति में जिस क्षेत्र में अफीम की खेती होती है उधर के लोगों को ही लाइसेंस जारी किया जाता है मीडिया रिपोर्ट के अनुसार।
हर व्यक्ति अफीम की खेती क्यों नहीं कर सकता । Why not everyone can cultivate opium
भारत में कोई विभक्ति अफीम की खेती इसलिए नहीं कर सकता है क्योंकि इसे नशीला पदार्थ के रूप में भी कुछ लोग प्रयोग करते हैं जिसके दुष्परिणाम भी बहुत हैं और अन्य कारणों से सरकार इसकी खेती बिना लाइसेंस करने पर कार्रवाई करती है ।
कितने प्रकार के अफीम भारत में बोए जाते हैं
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 3 प्रकार के अफीम की खेती भारत में की जाती है जो इस प्रकार है जवाहर अफीम 539, जवाहर अफीम 450, जवाहर अफीम 16, इन तीनों किस्म की लाइसेंस धारी किसान बुवाई करते हैं अफीम की खेती के लिए सिंचाई का उत्तम व्यवस्था करनी चाहिए क्योंकि इसे पानी की बहुत जरूरत होती है,
क्या अफीम की खेती पशु पक्षी भी खाते हैं
अफीम की खेती को आप सर्वप्रथम पशु पक्षियों से बचाने के लिए व्यवस्था करना होगा क्योंकि अफीम की खेती जैसे ही तैयार होती है ज्यादातर पैरेट आम भाषा में कहें तो सुग्गा जो अफीम की खेती पर विशेष ध्यान देते हैं और नुकसान करते हैं क्योंकि एक बार अफीम चख लेने के बाद तोता को इसकी लत लग जाती है और आकर आप की फसल बर्बाद कर देते हैं इनसे भी बचाने के लिए आपको पूरी व्यवस्था करनी होगी ।
अफीम का फसल कितने दिन में तैयार हो जाता है
अफीम की फसल की तैयारियों की बात किया जाए तो 90 से 120 दिन में अफीम की फसल तैयार हो जाती है जिसमें अनार के आकार में फल लगते हैं उसी फल से अफीम मिलता है , अफीम का फूल भी बहुत खूबसूरत होता है फूल आने के बाद उसमें फल आते हैं फल आने के बाद उसमें किसान चीरा लगाते हैं चीरा से निकले चिपचिपा पदार्थ किसान सुबह एकत्रित करते हैं जो अफीम होता है और उसे फिर नारकोटिक्स विभाग को बेच दिया जाता है ।
अफीम की खेती से कैसे होती है कमाई ।
अफीम की खेती से कमाई का कोई अनुमान नहीं होता है क्योंकि इसकी रेट सरकार तय करती है कितने ग्राम का कितने रुपए देना है क्योंकि अफीम की 1 ग्राम की कीमत लगभग 1000 से 18 सो रुपए होता है जो नारकोटिक्स विभाग को बेचा जाता है , अफीम की कालाबाजारी को रोकने के लिए सरकार इसके लिए भी नियम तय करती है किसान कितना अफीम बोया है उसके अनुसार अफीम सरकार को देना होता है, मान लीजिए आप 1 एकड़ खेती करते हैं तो सरकार आपको 8 लीटर अफीम देनी के लिए कहती है तो आपको उतना देना होगा नहीं तो आपका लाइसेंस रद्द हो जाएगी और आप पर कार्रवाई भी हो सकती है ।
यह पूरी जानकारी इंटरनेट के द्वारा प्राप्त की गई है अधिक जानकारी के लिए आप नारकोटिक्स विभाग की cbn.nic.in इस वेबसाइट पर जाकर पूरी जानकारी ले सकते हैं
चेतावनी
क्योंकि अफीम एक प्रतिबंधित खेती है जो सरकार अपने कंट्रोल में रखकर करवाती है