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देवरिया के दो रेलवे स्टेशन का नाम भूलते जा रहे हैं लोग नहीं है कोई विशेष सुविधा

भारत सरकार के द्वारा भारत के सभी रेलवे स्टेशन को बेहतर बनाया जा रहा है जिसे यात्रियों को सुविधा हो लेकिन देवरिया जनपद में दो ऐसे रेलवे स्टेशन है जो धीरे-धीरे यात्रियों रेलवे स्टेशन तक का नाम भूल रहे हैं।

देवरिया जनपद के तीन रेलवे स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत आकर्षित और खूबसूरत बनाया जा रहा है लेकिन वही देवरिया जनपद के दो रेलवे स्टेशन ऐसे हैं जहां पर बहुत ज्यादा सुविधा उपलब्ध नहीं है ना ही ज्यादा ट्रेन रूकती है जिस वजह से यात्री उस रेलवे स्टेशन को याद करना छोड़ दिए हैं।

आज से 15 साल पहले रेलवे स्टेशन का महत्व बहुत हुआ करता था लेकिन धीरे-धीरे अब रेलवे स्टेशन जो लोकल है उसका महत्व खत्म हो रहा है लोकल रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ बहुत कम दिखाई दे रही है देवरिया जनपद के नूनखार रेलवे स्टेशन और अहिल्यापुर रेलवे स्टेशन यह इसे रेलवे स्टेशन है जिसका नाम यात्री धीरे-धीरे भूल रहे हैं।

रेल प्रशासन और सरकार के द्वारा रेलवे स्टेशन को विकास काफी तेजी से किया गया इन दोनों रेलवे स्टेशन पर आधुनिक प्लेटफार्म बनाया गया यात्री की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बैठने की व्यवस्था की गई लेकिन सब कुछ व्यर्थ साबित हो रहा है क्योंकि इन दोनों रेलवे स्टेशन पर यात्री बहुत कम यात्रा करते हैं।

अहिल्यापुर रेलवे स्टेशन पर तो यात्री बहुत कम पहुंचते हैं क्योंकि यह रेलवे स्टेशन जिला मुख्यालय के नजदीक होने की वजह से यहां से ट्रेन पकड़ने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है अहिल्यापुर रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़ने वालों की संख्या की बात करें तो अधिकतम 20 से 40 लोग ट्रेन पकड़ते हैं खास बात यह है कि यहां पर पैसेंजर ट्रेन को छोड़कर बाकी कोइ भी ट्रेन नहीं रुकती है। जिस वजह से यात्री बहुत कम पहुंचते हैं जिनको गोरखपुर तक जाना होता है वही पैसेंजर ट्रेन पकड़ते हैं, देवरिया तक जाने वाले लोग प्राइवेट गाड़ी से चले जाते हैं जिस वजह से यहां भीड़ नहीं होती है।

Noonkhar Railway Station: नूनखार रेलवे स्टेशन पर क्या है व्यवस्था इस रेलवे स्टेशन पर {Ahilyapur railway station} अहिल्यापुर रेलवे स्टेशन से ज्यादा यात्री यात्रा करते हैं यह यात्रियों की सुविधा के लिए पीने का पानी बैठने की सुविधा उपलब्ध है लेकिन यहां पर इंटरसिटी ट्रेन और पैसेंजर ट्रेन रुकती हैं जिस वजह से यहां पर यात्रियों की संख्या थोड़ी अच्छी है लेकिन आसपास के गांव के लोग अब नूनखार रेलवे स्टेशन पर जाना कम कर दिए हैं, क्योंकि उन्हें ट्रेन पकड़ने के लिए देवरिया या भटनी रेलवे स्टेशन बेहतर लगता है क्योंकि इन दोनों रेलवे स्टेशन पर अधिकता ट्रेन रुकती हैं l

वही इन दोनों रेलवे स्टेशन पर बनारस और छपरा के तरफ जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों की ठहराव के लिए लंबे समय से लोग मांग कर रहे हैं जिससे यात्रियों की सुविधा होगी और रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ बढ़ेगी।

भविष्य में अगर ट्रेनों की ठहराव इन दोनों रेलवे स्टेशन पर नहीं किया गया तो आने वाले समय में यहां रेलवे स्टेशन वीरान पड़ जाएगा यहां यात्री बहुत कम पहुंचेंगे।

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