छत्तीसगढ़ के इस गांव में पहली बार पकड़ाया मोबाइल नेटवर्क! खुशी से झूम उठे ग्रामीण, संचार क्रांति की बड़ी शुरुआत

छत्तीसगढ़ के एक सुदूर गांव में पहली बार मोबाइल नेटवर्क का सिग्नल पकड़ में आते ही महीनों से संचार व्यवस्था से जूझ रहे ग्रामीणों के चेहरे खिल उठे। जहां अब तक फोन कॉल करना तो दूर, नेटवर्क की एक झिलमिल बार भी दुर्लभ थी, वहीं अचानक मिले सिग्नल ने गांव में उम्मीद की नई किरण जगा दी। ग्रामीणों ने बताया कि बरसों से उन्हें छोटी-छोटी जरूरतों के लिए भी पड़ोसी कस्बों तक दौड़ लगानी पड़ती थी, लेकिन अब इस बदलाव से जिंदगी आसान होने की उम्मीद है।

गांव के युवाओं ने बताया कि नेटवर्क न मिलने की वजह से पढ़ाई, सरकारी योजनाओं की जानकारी, ऑनलाइन फॉर्म और यहां तक कि आपातकालीन सेवाओं से जुड़ना भी बेहद मुश्किल था। कई बार तो बीमार मरीजों को सिर्फ इसलिए समय पर मदद नहीं मिल पाती थी क्योंकि फोन कॉल करना संभव ही नहीं था। लेकिन पहली बार मोबाइल नेटवर्क पकड़ में आते ही गांव में जैसे उत्सव का माहौल बन गया। लोगों ने मजाक में कहा—”आज तो गांव भी डिजिटल इंडिया का हिस्सा बन ही गया!”

गांव के बुजुर्गों का कहना है कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि उनके इलाके में मोबाइल फोन से बात करना इतनी जल्दी संभव होगा। वे बताते हैं कि वर्षों से इस इलाके में नेटवर्क लगाने की मांग की जा रही थी। अब जब तकनीकी टीमों द्वारा नेटवर्क की ट्रायल टेस्टिंग शुरू हुई है, तो यह संकेत है कि आने वाले दिनों में गांव को स्थायी रूप से बेहतर कनेक्टिविटी मिलने वाली है।

स्थानीय प्रशासन भी इस बदलाव से उत्साहित है। अधिकारियों का कहना है कि मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध होने से सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार में आसानी होगी और डिजिटल सेवाओं का लाभ सीधे ग्रामीणों तक पहुंच सकेगा। पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि गांव में नेटवर्क की उपलब्धता रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार में बड़ी भूमिका निभाएगी।

युवाओं ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में नेटवर्क का सक्रिय होना केवल तकनीकी सुविधा नहीं, बल्कि विकास की नई शुरुआत है। पढ़ाई करने वाले छात्र अब ऑनलाइन क्लास और डिजिटल सामग्री का उपयोग आसानी से कर सकेंगे। किसान भी मौसम, बीज, मंडी भाव और कृषि योजनाओं से जुड़ी वास्तविक समय की जानकारी तुरंत प्राप्त कर पाएंगे।

गांव की महिलाओं ने भी खुशी प्रकट करते हुए बताया कि अब वे अपने दूर शहरों में रहने वाले बच्चों और परिजनों से आसानी से बात कर सकेंगी। पहले कॉल करने के लिए उन्हें कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता था। नेटवर्क आने से उनका सामाजिक जुड़ाव भी मजबूत होगा।

हालांकि अभी नेटवर्क की स्थायी व्यवस्था नहीं हुई है, लेकिन तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि परीक्षण सफल रहने पर जल्द ही गांव में टावर स्थापित किया जा सकता है। इससे यह पूरा क्षेत्र मोबाइल कनेक्टिविटी के दायरे में आ जाएगा।

ग्रामीणों की उम्मीदें बढ़ चुकी हैं और इस गांव की संचार यात्रा का नया अध्याय शुरू हो चुका है। अब गांव वाले कहते हैं—“नेटवर्क आ गया है, अब विकास भी आएगा!”

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