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kushinagar news: कुशीनगर: 20 हजार में अपने 2 वर्षीय बेटे को बेचने वाला मजबूर पिता, हॉस्पिटल का बिल चुकाने के लिए उठाया कदम

कुशीनगर जिले के बरवापट्टी थाना क्षेत्र के दशहवा गाँव से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। एक गरीब पिता को अपने 2 वर्षीय बेटे को महज 20 हज़ार रुपए में बेचना पड़ा, ताकि वह हॉस्पिटल का बिल चुका सके और अपनी पत्नी को बंधन से मुक्त करा सके। यह घटना ना केवल समाज के लिए एक चिंता का विषय है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की खस्ता हालत और गरीबों की मजबूरी को भी उजागर करती है।

पिता की मजबूरी और दर्द

दशहवा गाँव के निवासी इस गरीब मजदूर पिता के पास अपनी पत्नी को बचाने के लिए कोई चारा नहीं बचा था। पिता के कुल 6 बच्चे हैं, जिनमें से 2 वर्षीय मासूम राजा भी शामिल था। परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी बदहाल थी कि अस्पताल के महज 4 हजार रुपये के बिल को चुकाने के लिए उसे अपने बच्चे को बेचने जैसा दर्दनाक कदम उठाना पड़ा।

अस्पताल में बंधक बनी पत्नी

मामला तब शुरू हुआ जब गरीब पिता की पत्नी की तबीयत बिगड़ गई और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इलाज के बाद, अस्पताल ने कुल 4 हजार रुपये का बिल दिया, जिसे चुकाए बिना पत्नी को अस्पताल से छुट्टी नहीं दी जा रही थी। पिता के पास इतना पैसा नहीं था कि वह बिल चुका सके, और पत्नी को छुड़ा सके। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि अस्पताल ने उसकी पत्नी को बंधक बना लिया और पैसे देने के बाद ही उसे छोड़ने की बात कही।

2 वर्षीय मासूम राजा को बेचना पड़ा

पत्नी को छुड़ाने के लिए मजबूर पिता ने एक कठोर निर्णय लिया। वह अपने 2 वर्षीय बेटे राजा को 20 हज़ार रुपये में बेचने के लिए मजबूर हो गया। एक पिता के लिए यह फैसला बेहद दर्दनाक और असहनीय था, लेकिन उसे ऐसा करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस सौदे से मिले 20 हज़ार रुपये में से उसने 4 हजार रुपये अस्पताल का बिल चुकाया, जिसके बाद अस्पताल ने उसकी पत्नी को रिहा कर दिया।

अस्पताल से छूटने के बाद पत्नी का दर्द

पत्नी जब अस्पताल से बाहर आई और उसे इस बात का पता चला कि उसके पति ने बिल चुकाने के लिए अपने बेटे को बेच दिया है, तो वह फूट-फूटकर रोने लगी। वह अपने मासूम बेटे की याद में तड़पने लगी और इस पूरी स्थिति ने परिवार को अंदर से तोड़ कर रख दिया। एक माँ के लिए अपने बच्चे को खो देना किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं होता, लेकिन यहाँ हालातों ने परिवार को इतना मजबूर कर दिया कि यह भयानक कदम उठाना पड़ा।

मजदूरी कर परिवार का पालन करता है पिता

पिता एक मजदूर है, जो दिन-रात मेहनत कर अपने परिवार का पालन-पोषण करता है। उसके 6 बच्चे हैं, जिनका पेट भरने के लिए वह और उसकी पत्नी दिन-रात संघर्ष करते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद दयनीय है, और इसी मजबूरी की वजह से वह अपने बेटे को बेचने के लिए मजबूर हुआ। उसकी पत्नी और बच्चों का सहारा केवल वह खुद ही है, लेकिन जब हालात इतने बदतर हो गए कि उसकी पत्नी की जिंदगी खतरे में थी, तो उसके पास अपने बच्चे को बेचने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा।

मामले की गंभीरता और प्रशासन की चुप्पी

दशहवा गाँव की इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी मचा दी है। लोगों में गुस्सा और दुख है कि कैसे एक गरीब आदमी को इस हद तक मजबूर किया गया कि उसे अपने बेटे को बेचना पड़ा। वहीं, प्रशासन की चुप्पी ने मामले को और भी गंभीर बना दिया है। लोगों का कहना है कि अगर गरीबों को सही समय पर मदद मिलती तो इस तरह की नौबत नहीं आती।

निचले स्तर पर भ्रष्टाचार और गरीबों की हालत

यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि उस निचले तबके की भी है, जो रोज अपने जीवन के संघर्ष में जी रहे हैं। एक तरफ स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और दूसरी तरफ गरीबों की मजबूरी उन्हें इस कदर मजबूर कर देती है कि वे अपने बच्चों को भी बेचने पर विवश हो जाते हैं। सरकार और प्रशासन को इस दिशा में तुरंत कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ ना हों और गरीबों को समय पर मदद मिल सके।

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