राजस्थान के टोंक जिले से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है, जहां एक ही साथ 8 युवकों की पानी में डूबने से मौत हो गई। यह दर्दनाक हादसा टोंक शहर के नजदीक स्थित बनास नदी के फ्रेजर ब्रिज के पास हुआ। जानकारी के अनुसार, रविवार को 11 दोस्त पिकनिक मनाने और नहाने के इरादे से बनास नदी पहुंचे थे। इनमें से अधिकतर की उम्र 18 से 25 वर्ष के बीच बताई जा रही है। नदी के पुराने फ्रेजर ब्रिज के पास जब सभी युवक नहा रहे थे, तभी अचानक वे गहरे पानी में चले गए और एक के बाद एक डूबने लगे।

स्थानीय लोगों ने शोरगुल सुनकर तुरंत मौके पर पहुंचकर युवकों को बचाने की कोशिश की। तीन युवकों को किसी तरह सुरक्षित बाहर निकाला गया और तुरंत सआदत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। वहीं 8 अन्य युवकों को पानी से निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। जब तक उन्हें निकाला गया, तब तक उनकी सांसें थम चुकी थीं। इस हादसे की सूचना मिलते ही इलाके में हड़कंप मच गया। मृतकों की पहचान जयपुर निवासी युवकों के रूप में हुई है।
घटना के बाद टोंक सआदत अस्पताल में भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। मृतकों के परिजन जयपुर से टोंक पहुंचे और अस्पताल परिसर में कोहराम मच गया। हर तरफ चीख-पुकार और मातम का माहौल है। प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर मौजूद है और राहत एवं बचाव कार्य जारी है। गोताखोरों और स्थानीय लोगों की मदद से नदी में सर्च ऑपरेशन चलाया गया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई और पानी में न हो।
प्रशासन की ओर से घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। हादसे की खबर मिलते ही टोंक जिला कलेक्टर और एसपी भी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। अधिकारियों का कहना है कि युवकों को गहराई का अंदाजा नहीं था, जिससे यह हादसा हुआ। साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की है कि बारिश के मौसम में या नदियों के पास नहाते समय सतर्कता बरतें।
इस घटना ने पूरे राजस्थान को झकझोर कर रख दिया है। एक साथ 8 युवकों की मौत से न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरा समाज शोक में डूबा है। जानकारों का कहना है कि बनास नदी का यह हिस्सा बेहद गहरा है और यहां पहले भी हादसे हो चुके हैं। इसके बावजूद युवकों ने नहाने का जोखिम उठाया, जिसकी कीमत उन्हें अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।
यह हादसा एक बार फिर हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि पिकनिक या मौज-मस्ती के नाम पर जान को जोखिम में डालना कितना खतरनाक हो सकता है। प्रशासन को भी चाहिए कि इस तरह के संवेदनशील इलाकों में चेतावनी बोर्ड लगवाए और स्थानीय लोगों को जागरूक करे, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।
फिलहाल, पूरे टोंक जिले में शोक की लहर है और जयपुर में भी मातम पसरा हुआ है। 8 परिवारों पर टूटा यह दुख का पहाड़ किसी भी संवेदनशील दिल को झकझोरने के लिए काफी है।