रेलवे में एक अनोखा मामला देखने को मिला जहां एक ऐसी ट्रेन जिसकी अंतिम विदाई किया गया अंतिम विदाई पर कुछ लोगों की आंखें नम हो गई क्योंकि यह ट्रेन लोगों के लिए खास यादगार थी कई वर्षों का रहस्य अपने अंदर समेटी हुई थी जानिए पूरी खबर।

पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के एक ऐसी ट्रेन की अंतिम विदाई दी गई जिसके अंतिम विदाई में क्षेत्र के लोग पहुंचे ट्रेन को फूल माला से सजाया गया यहां तक की लोग अंतिम ट्रेन को विदाई देते समय उसके साथ सेल्फी लिए और ट्रेन उसकी विदाई कर दिए यह ट्रेन की यादगार सफर 138 साल आम लोगों के साथ रहकर सेवा दी जिसकी अंतिम विदाई में ट्रेन को दुल्हन की तरह सजाया गया या विशेष गाड़ी उत्तर प्रदेश के बहराइच जनपद से नेपालगंज तक जाती थी जिसमें विशेष सुविधाएं भी हुआ करती थी यह ट्रेन अपने अंदर भारत की कई रहस्यों को समेटी हुई थी।
मैं बात कर रहा हूं पूर्वोत्तर रेलवे खंड लखनऊ मंडल के बहराइच से नानापार नेपालगंज छोटी लाइन ट्रेन जिसे 10 फरवरी को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया यह ट्रेन बहराइच रेलवे स्टेशन से शाम 3:00 बजे बहराइच प्लेटफार्म से छूटी तो उसमें सवार यात्रियों के लिए यह यादगार पल रहा यह छोटी लाइन की ट्रेन 15 दिसंबर 1886 से अपनी सेवा दे रही थी जिसकी अंतिम विदाई पर क्षेत्र के लोगों ने काफी दुख प्रकट किया आसपास के लोगों ने कहा कि भले हम लोगों को अब नई सेवा उपलब्ध होगी लेकिन इस ट्रेन के साथ हम लोगों का बचपन जुड़ा हुआ है जब हम लोगों ने अपना होश संभाला तब से इस ट्रेन में सफर हम लोग कर रहे हैं खास बात यह है की ट्रेन छोटी लाइन की ट्रेन है जो भारत में बहुत कम अब दिखाई देती हैं जिस वजह से यह खास थी कुछ लोग तो इसमें केवल यात्रा करने के लिए आते थे।
यह ट्रेन ब्रिटेन शासन काल में समान को एक दूसरे जगह ले जाने के लिए स्थापित की गई थी इस ट्रेन का स्थापना 15 दिसंबर 1886 में किया गया था जो बहराइच नानापार नेपालगंज रोड मीटर गेज छोटी लाइन की ट्रेन कहलाती है।
यह ट्रेन छोटी लाइन पर चलने की वजह से आने वाली जनरेसन को पर्यटक के रूप में भी उभर सकती है क्योंकि नई जनरेशन जो अन्य जगहों के हैं उनको इस ट्रेन के बारे में बहुत कुछ जानकारी नहीं है कि 1886 में किस तरह की ट्रेन भारत में चला करती थी, ट्रेन नंबर 05359 यह ट्रेन बहराइच नानापार नेपालगंज रोड विशेष सवारी गाड़ी प्लेटफार्म नंबर 1 से अपनी अंतिम यात्रा शुरू किया इस ट्रेन के अंतिम यात्रा को देखने के लिए बहराइच नानापार एवं अन्य स्टेशनों पर इसके साथ सेल्फी लेने के लिए आसपास के लोग पहुंचे और ट्रेन को अंतिम विदाई देते हुए इसके साथ सेल्फी ले रहे थे।
ट्रेन में 140 यात्रियों ने यात्रा किया उनके लिए यात्रा काफी रोमांसकारी और यादगार भर रहा यात्रियों ने कहा कि हम लोग इस बात से खुश हैं कि भारत की सबसे पुरानी ट्रेन जो 1886 से अपनी सेवा दे रही थी उसे रिटायर किया जा रहा है यहां तक कि उसे रेल लाइन को भी रिटायर किया जा रहा है अब इसके जगह पर दूसरी रेल लाइन बिछाई जाएगी, इस विशेष गाड़ी के लोको पायलट राजकुमार वर्मा सहायक लोको पायलट गणेश कुमार तथा गार्ड रमन कुमार पाठक थे।