अक्सर जब लोगों को लंबी दूरी की यात्रा करनी होती है तो वह ट्रेन का सहारा लेते हैं या बस या एयरप्लेन लेकिन गोरखपुर मंडल में एक ऐसा रेलवे रूट है जो मात्र 20 किलोमीटर के लिए दीन में दो बार चलाई जाती है।
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बदलते समय में रेलवे भी बदल रहा है लेकिन गोरखपुर मंडल के देवरिया जनपद में एक ऐसा रेल रूट है जो मात्र 30 किलोमीटर के लिए रेलवे को करोड़ों रुपए हर वर्ष खर्च करना पड़ता है ट्रेन चलानी पड़ती है, जिस वजह से रेलवे को नुकसान भी झेलनी पड़ती है लेकिन फिर भी ट्रेन चलाई जाती है, सात रेलवे स्टेशन के बाद ट्रेन रिटर्न आती है, खास बात यह है की ट्रेन में ज्यादातर लोग बिना टिकट के यात्रा करते हैं |
जिस वजह से रेलवे को काफी नुकसान होता है, मैं बात कर रहा हूं देवरिया जनपद के भटनी रेलवे स्टेशन से बरहज बाजार रेलवे स्टेशन तक चलने वाली स्पेशल ट्रेन जिसे भटनी से चलाई जातीहै भटनी से बरहज की दुरी 30 किलोमीटर है जिस के बारे में बहुत लोग नहीं जानते है आज हम आप को बताने वाले हैं की बरहज रेल रूट पर सरकार को फायदा ना होने के बाद भी आखिर ट्रेन क्यों चलाई जाती हैं।
भटनी जंक्शन से 3:30 से रवाना होती है मात्र 30 किलोमीटर के लिए स्पेशल ट्रेन जिसे लोग बरहजिया ट्रेन नाम रखे हैं, क्योंकि ट्रेन केवल भटनी से बरहज के लिए ही चलती है जिस वजह से भटनी और सलेमपुर के तरफ बरहज से आने वाले लोगों को काफी लाभ होता है ट्रेन से लोग आसानी से आज आते हैं, लेकिन बरहजिया ट्रेन सलेमपुर के बाद एक बस जैसी रुकती और चलती है कुछ लोगों का यह भी कहना है कि लोग ट्रेन को हाथ मार कर रुकवा लेते हैं जैसे बस को रोका जाता है। सलेमपुर से निकलने के बाद देवराहा बाबा रोड पर रूकती है, फिर सतराव रेलवे स्टेशन पर भी रूकती है सिसई गुलाब राय रेलवे स्टेशन और बरहज बाजार यह मुख्य रेलवे स्टेशन है जहां बरहजिया ट्रेन रूकती है, लेकिन इस ट्रेन में ज्यादातर यात्री बिना टिकट के यात्रा करते हैं जिस वजह से रेलवे को काफी नुकसान भी होती है।
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लेकिन रेल प्रशासन के द्वारा इस ट्रेन को आम जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए निरंतर चलाया जाता है, कि बरहज क्षेत्र के लोगों को किसी तरह की कोई दिक्कत नाहो भटनी से आसानी से वह बरहज आ जा सके इसी वजह से रेलवे के द्वारा मात्र 30 किलोमीटर के लिए ट्रेन चलाई जाती है अगर सलेमपुर रेलवे स्टेशन से बरहज रूट की बात करें तो मात्र यह दूरी 20 किलोमीटर रह जाती है,तो आप कह सकते है की सलेमपुर तक जाने के लिए बनारस रेल रूट मौजूद है यही से बरहज के लिए अलग रूट कटी हुई है तो आप यह भी कह सकते हैं कि देवरिया में मात्र 20 किलोमीटर के लिए एक ट्रेन चलाई जाती है।
बरहज बाजार प्राचीन बाजार माना जाता है कहा जाता है कि जब माल ढुलाई के लिए बेहतर विकल्प नहीं थे तब नाव के द्वारा जल मार्ग से एक जगह से दूसरे जगह सामानों को पहुंचाया जाता था उस समय सरयू नदी के किनारे बसा बरहज देवरिया का ट्रांसपोर्ट का हब था, दूर दराज से आने वाली सामान बरहज में उतरा जाता था और रेल मार्ग से अन्य जगहों पर उसे भेजा जाता था, इसी वजह से सलेमपुर से 20 किलोमीटर के लिए अलग से बरहज बाजार के लिए रेल रूट अंग्रेजों ने बनाया जिस पर क्षेत्र के लोगों के सुविधा को ध्यान में रखते हुए पैसेंजर ट्रेन भी चलाई गई जो वर्तमान में चलाई जा रही है।
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आज के समय में 20 से 30 किलोमीटर की दूरी बहुत ज्यादा मायने नहीं रखता है क्योंकि यूपी में 70 प्रतिशत लोगों के पास दो पहिया वाहन हो चुका है, 15% लोगों के पास चार पहिया वाहन भी हो गया है 20 किलोमीटर की दूरी लोग आसानी से तय कर सकते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके पास ना तो दो पहिया वाहन है और ना ही चार पहिया वाहन उन्हें आने-जाने में काफी दिक्कत तो का सामना करना पड़ता है उनके लिए बरहजिया ट्रेन काफी मददगार साबित होती है।
बरहज क्षेत्र के लोगों को लंबे समय से यह मांग है कि इस रेल रूट को गोरखपुर से जोड़ दिया जाए जिससे क्षेत्र का विकास होगा और अन्य ट्रेनों का भी प्रचलन हो जाएगा| लेकिन क्षेत्र के लोगों को यह उम्मीद है कि भविष्य में कभी भी सरकार का ध्यान बरहज रेल रूट के तरफ हुआ तो इसे गोरखपुर से जोड़ दिया जाएगा।