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राज्य स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता में देवरिया की बेटियों का जलवा, अद्विका और अव्याना ने लहराया परचम

शतरंज के बौद्धिक मैदान पर देवरिया जनपद की दो होनहार बेटियों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए न केवल जिले का नाम रोशन किया है, बल्कि यह साबित कर दिया है कि मेहनत, लगन और समर्पण से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। सीतापुर में आयोजित उत्तर प्रदेश स्टेट चेस चैंपियनशिप 2025 के अंडर-9 और अंडर-7 वर्ग में भाग लेने गईं अद्विका ढिल्लो और अव्याना ढिल्लो ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए क्रमश: पाँचवाँ और प्रथम स्थान प्राप्त किया।

अद्विका ढिल्लो के लिए यह पहला राज्य स्तरीय टूर्नामेंट था, लेकिन उन्होंने आत्मविश्वास और सूझबूझ के साथ खेलते हुए टॉप-5 में अपनी जगह बना ली। अंडर-9 वर्ग में पाँचवां स्थान पाकर उन्होंने यह स्पष्ट संकेत दिया कि वह भविष्य में और भी बड़ी सफलताओं के लिए तैयार हैं। अपनी उपलब्धि पर अद्विका ने कहा, “यह मेरा पहला टूर्नामेंट था और मैंने बहुत कुछ सीखा। आगे मैं और मेहनत करूंगी और बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगी।” अद्विका ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश, विश्व चैंपियन मैग्नस काल्सन और कोनेरू हंपी को अपनी प्रेरणा मानती हैं।

उत्तर प्रदेश शतरंज संघ के अध्यक्ष श्री ए.के. रायजादा ने अद्विका की इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा, “राज्य की बाल प्रतिभाओं का इस तरह उभरकर सामने आना अत्यंत प्रसन्नता की बात है। अद्विका जैसी प्रतिभाएं भविष्य में उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिला सकती हैं।”

अद्विका की सफलता को और भी विशेष बनाता है उनका पारिवारिक पृष्ठभूमि। वह देवरिया की जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल और श्री गगन ढिल्लो की सुपुत्री हैं। अपनी बेटी की उपलब्धि पर भावुक होते हुए जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल ने कहा, “यह मेरे लिए अत्यंत गौरवपूर्ण और भावनात्मक क्षण है। अद्विका ने लोगों के आशीर्वाद और अपनी मेहनत से यह स्थान प्राप्त किया है। मैं चाहती हूं कि वह भविष्य में और भी अच्छा करे और शतरंज की दुनिया में एक नई पहचान बनाए।”

उधर, श्री गगन ढिल्लो ने भी अपनी बेटी की मेहनत और लगन की सराहना करते हुए कहा, “अद्विका हमेशा से ही गंभीर और अनुशासित रही है। उसका खेल के प्रति समर्पण देखकर हमें उम्मीद है कि वह बहुत आगे जाएगी।”

खास बात यह भी है कि अद्विका की छोटी बहन अव्याना ढिल्लो ने भी इसी प्रतियोगिता में अंडर-7 वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इतनी कम उम्र में राज्य स्तरीय चैंपियन बनकर अव्याना ने यह साबित कर दिया है कि प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती। अद्विका और अव्याना दोनों ही शिक्षा में भी मेधावी छात्राएं हैं और गोरखपुर के प्रतिष्ठित शतरंज कोच श्री जितेंद्र सिंह से नियमित रूप से प्रशिक्षण ले रही हैं।

जनपद देवरिया के लिए यह गौरव का विषय है कि यहाँ की बेटियाँ शतरंज जैसे बौद्धिक खेल में प्रदेश स्तर पर शानदार प्रदर्शन कर रही हैं। इन बाल प्रतिभाओं की सफलता आने वाले समय में जिले को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला सकती है। जिलेवासियों को अब उम्मीद है कि अद्विका और अव्याना जल्द ही देश का नाम भी रोशन करेंगी।

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