spot_img

Top 5 This Week

Related Posts

देवरिया: जिला योजना समिति की बैठक में विकास कार्यों की हुई गहन समीक्षा, प्रभारी मंत्री ने दिए महत्वपूर्ण निर्देश

देवरिया जिले के समग्र विकास को लेकर आयोजित जिला योजना समिति की बैठक में विभिन्न विभागीय योजनाओं की गहन समीक्षा की गई। बैठक की अध्यक्षता जनपद के प्रभारी मंत्री एवं परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर सिंह ने की। इस महत्वपूर्ण बैठक में सलेमपुर सांसद श्री रमाशंकर राजभर, रुद्रपुर विधायक श्री जयप्रकाश निषाद, सदर विधायक डॉ. शलभ मणि त्रिपाठी, भाटपाररानी विधायक श्री सभाकुंवर कुशवाहा, जिला पंचायत अध्यक्ष पंडित गिरीश चंद्र तिवारी, जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल और पुलिस अधीक्षक श्री विक्रांत वीर समेत कई जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक में प्रभारी मंत्री ने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से कहा कि वे आपसी समन्वय से विकास योजनाओं को ज़मीन पर उतारें ताकि शासन की मंशा के अनुरूप जनपद में विकास तेज गति से हो और योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। उन्होंने बताया कि देवरिया में नया बस अड्डा बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है, और जल्द ही उसका टेंडर जारी किया जाएगा। इसके अलावा जब तक नया बस अड्डा नहीं बनता, तब तक यात्रियों की सुविधा हेतु ₹34 लाख की लागत से एक अस्थायी बस अड्डे की व्यवस्था की जा रही है, जिसमें छायादार स्थल, शौचालय आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

प्रभारी मंत्री ने बताया कि परिवहन विभाग द्वारा देवरिया में एआरटीओ कार्यालय का निर्माण किया जा रहा है। ₹17.69 करोड़ की लागत से पुराने बस अड्डे परिसर में व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स, एआरएम कार्यालय और पार्किंग स्थल का भी निर्माण हो रहा है। इसके अलावा सलेमपुर, गौरीबाजार और रुद्रपुर में भी नए बस अड्डों के निर्माण कार्य की योजना चल रही है।

बैठक में जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्रों से संबंधित समस्याओं और सुझावों को प्रमुखता से रखा। सलेमपुर सांसद ने मनरेगा मजदूरों के भुगतान में देरी का मुद्दा उठाया, वहीं रुद्रपुर विधायक ने “हर घर जल योजना” के अंतर्गत पिछले तीन वर्षों में किए गए कार्यों का ब्यौरा मांगा। सदर विधायक डॉ. शलभ मणि त्रिपाठी ने एक ऐसे सड़क निर्माण की ओर ध्यान दिलाया, जिसके लिए हाल ही में बजट स्वीकृत हुआ, जबकि वह सड़क पहले ही बन चुकी थी। उन्होंने इस मामले की जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। भाटपाररानी विधायक ने उन ग्राम पंचायतों की सड़कों को ठीक कराने की मांग की, जहां पानी की टंकियों का निर्माण हो चुका है। इस पर जिलाधिकारी ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

बैठक में वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 के दौरान विभिन्न विभागों को आवंटित धनराशि और उसके व्यय का विस्तृत मूल्यांकन प्रस्तुत किया गया। कृषि विभाग को क्रमशः ₹2.83 लाख (2023-24) और ₹5.13 लाख (2024-25) दिए गए, जिसे पूर्णतः खर्च किया गया। लघु सिचाई विभाग को ₹999.30 लाख (2023-24) और ₹1128.60 लाख (2024-25) मिले, जो शत-प्रतिशत खर्च किए गए। पशुपालन विभाग ने ₹45.76 लाख (2023-24) और ₹38.60 लाख (2024-25) का उपयोग किया, जबकि दुग्ध विकास विभाग ने ₹59.36 लाख और ₹24.63 लाख पूर्णतः व्यय किए।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत 2023-24 में ₹3702.00 लाख और 2024-25 में ₹4840.00 लाख की धनराशि अवमुक्त की गई, जिसमें क्रमशः 75.88% और 91.12% व्यय हुआ। मनरेगा के अंतर्गत ₹14691.72 लाख (2023-24) और ₹15165.70 लाख (2024-25) की राशि शत-प्रतिशत खर्च की गई।

शिक्षा विभाग की बात करें तो, प्राथमिक शिक्षा के तहत ₹14525.33 लाख (2023-24) और ₹11140.58 लाख (2024-25) खर्च हुए, जो क्रमशः 98.46% और 97.07% है। वहीं, माध्यमिक शिक्षा में ₹224.83 लाख (2023-24) और ₹180.88 लाख (2024-25) का व्यय क्रमशः 91.03% और 80.48% रहा।

पंचायती राज विभाग को ₹2504.00 लाख (2023-24) और ₹2826.00 लाख (2024-25) की राशि मिली, जिसमें पहला वर्ष शत-प्रतिशत खर्च हुआ और दूसरे वर्ष 60.76%। ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत ₹996.00 लाख (2023-24) और ₹416.40 लाख (2024-25) की राशि क्रमशः 98.03% और 69.26% खर्च हुई।

समाज कल्याण विभाग ने अनुसूचित जाति, जनजाति और सामान्य वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति और कन्याओं की शादी के लिए ₹1254.35 लाख (2023-24) और ₹1363.54 लाख (2024-25) का शत-प्रतिशत व्यय किया। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने भी क्रमशः ₹492.07 लाख, ₹712.83 लाख और ₹276.35 लाख, ₹246.70 लाख की राशि पूर्ण रूप से खर्च की।

इसके अलावा, वृद्धा पेंशन और पारिवारिक लाभ योजना के लिए ₹9709.24 लाख (2023-24) और ₹11911.15 लाख (2024-25), दिव्यांग जन कल्याण विभाग के लिए ₹2880.10 लाख और ₹1033.95 लाख तथा महिला कल्याण विभाग के लिए ₹5698.61 लाख (2023-24) और ₹6375.79 लाख (2024-25) की राशि का भी शत-प्रतिशत व्यय हुआ।

इस बैठक में भाजपा जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, भाजपा उपाध्यक्ष राजेश मिश्रा, एमएलसी प्रतिनिधि राजू मणि त्रिपाठी, अवधेश सिंह, मुख्य विकास अधिकारी प्रत्यूष पांडेय, डीडीओ रविशंकर राय, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शालिनी श्रीवास्तव, डीईएसटीओ मृत्युंजय चतुर्वेदी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

यह बैठक जनपद के विकास कार्यों की पारदर्शिता, जवाबदेही और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम साबित हुई।

Popular Articles